पटना उच्च न्यायालय ने आंगनवाड़ी सेविका चयन विवाद का निपटारा किया

पटना उच्च न्यायालय ने आंगनवाड़ी सेविका चयन विवाद का निपटारा किया

निर्णय की सरल व्याख्या
हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने एक ऐसे मामले की सुनवाई की जिसमें एक याचिकाकर्ता ने समस्तीपुर जिले के आलमपुर स्थित आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 366 पर सेविका चयन को चुनौती दी। याचिकाकर्ता का दावा था कि उसके अंक (76%) चयनित अभ्यर्थी (58.60%) से अधिक थे और वह मेरिट सूची में प्रथम स्थान पर थी। इसके बावजूद किसी अन्य अभ्यर्थी को चयनित किया गया।
विवाद का मुख्य कारण वैवाहिक स्थिति और निवास से जुड़ा था। आरोप था कि याचिकाकर्ता की शादी कट-ऑफ तिथि 16.02.2018 के बाद हुई थी, जिससे वह चयन के लिए अयोग्य हो गई। याचिकाकर्ता ने इसके विरुद्ध एक प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जिसमें शादी की तारीख 29.11.2017 बताई गई थी।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने पहले याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया था और चयन को रद्द कर दिया था। लेकिन कलेक्टर, समस्तीपुर ने अपील में यह आदेश रद्द कर दिया, क्योंकि शादी के प्रमाणपत्र में गड़बड़ी और मंदिर के रजिस्टर में हेराफेरी पाई गई थी।
उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और कलेक्टर के आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता कई अवसरों के बावजूद पेश नहीं हुई और विवाह की तिथि को लेकर तथ्यात्मक विवाद है जिसे सबूतों के आधार पर सिविल कोर्ट में तय किया जाना चाहिए।


निर्णय का महत्व और प्रभाव
यह निर्णय सरकारी चयन प्रक्रियाओं में प्रस्तुत दस्तावेजों की प्रामाणिकता की अनिवार्यता को रेखांकित करता है। साथ ही यह बताता है कि उच्च न्यायालयों की सीमा केवल विधिक और न्यायिक समीक्षा तक सीमित है, तथ्यात्मक विवादों के लिए उचित मंच सिविल न्यायालय है। इस फैसले से आंगनवाड़ी जैसी योजनाओं में अभ्यर्थियों को सही दस्तावेज और समयबद्ध कार्रवाई की आवश्यकता का संकेत मिलता है।


न्यायालय द्वारा तय किए गए कानूनी प्रश्न और निर्णय
क्या याचिकाकर्ता को अधिक अंक होने के बावजूद गलत रूप से चयन से वंचित किया गया?
कोर्ट ने कहा कि विवाह की तिथि को लेकर तथ्यात्मक विवाद है।
क्या उच्च न्यायालय रिट अधिकार क्षेत्र में तथ्यात्मक विवाद का निपटारा कर सकता है?
कोर्ट ने कहा कि नहीं कर सकता और सिविल कोर्ट का रास्ता सुझाया।


न्यायालय द्वारा उद्धृत निर्णय
स्टेट ऑफ कर्नाटका बनाम अमीरबी, (2007) 11 SCC 681
पार्वती देवी उर्फ पार्वती सिंह बनाम बिहार राज्य, 2024 (1) BLJ 178
बबीता कुमारी बनाम बिहार राज्य, 2016 SCC Online Pat 9434


मामले का शीर्षक– ज्योति कुमारी बनाम बिहार राज्य व अन्य
मामला संख्या– सिविल रिट क्षेत्राधिकार मामला संख्या 426 / 2022


उद्धरण– 2025(1) PLJR 13

पीठ एवं न्यायाधीशों के नाम
माननीय न्यायाधीश श्री हरीश कुमार
वकीलों के नाम
याचिकाकर्ता की ओर से: श्री अजय कुमार
प्रतिवादी की ओर से: श्रीमती कुमारी अमृता (GP 3)


निर्णय का लिंक

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Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

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