भूमि अधिग्रहण पीड़ित को पटना हाईकोर्ट का राहत: वैकल्पिक भूखंड आवंटित करने का निर्देश – Samvidalaw

भूमि अधिग्रहण पीड़ित को पटना हाईकोर्ट का राहत: वैकल्पिक भूखंड आवंटित करने का निर्देश

 

निर्णय की सरल व्याख्या

पटना उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में बिहार राज्य आवास बोर्ड को आदेश दिया है कि वह उस भूमि अधिग्रहण पीड़ित को वैकल्पिक भूखंड आवंटित करे, जिसे वर्षों पहले भूमि अधिग्रहण के बावजूद प्लॉट का कब्जा नहीं मिला।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी जमीन 1979 में बहादुरपुर, पटना में आवासीय परियोजना के लिए अधिग्रहित हुई थी। मुआवजा मिलने के बाद उसने “भूमि अधिग्रहण पीड़ित” श्रेणी में प्लॉट के लिए आवेदन किया। 1991 में उसे दीघा हाउसिंग कॉलोनी में प्लॉट संख्या 10M/116 आवंटित किया गया लेकिन कब्जा नहीं दिया गया। इसके बाद उसने बहादुरपुर में प्लॉट के लिए अनुरोध किया, परंतु उसे इनकार कर दिया गया, जबकि समान स्थिति वाले व्यक्तियों को राहत दी गई थी।

आवास बोर्ड ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता की पत्नी के नाम पर बहादुरपुर में पहले से ही एक भूखंड है, इसलिए उसे पुनः भूखंड नहीं मिल सकता। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि पत्नी ने वह प्लॉट 2001 में खरीदा जबकि आवंटन 1991 में हुआ था। ऐसे में नियमों का पिछला प्रभाव नहीं डाला जा सकता।

अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को वैकल्पिक भूखंड देने से इनकार नहीं किया जा सकता और उसे बहादुरपुर में उपलब्ध भूखंड में से एक 15 दिन के भीतर आवंटित किया जाए।

निर्णय का महत्व

यह फैसला उन नागरिकों के अधिकारों को बल देता है जिनकी भूमि सरकार द्वारा अधिग्रहित की जाती है। यह एक स्पष्ट संदेश है कि प्रशासनिक विफलताओं का खामियाजा पीड़ितों को नहीं भुगतना चाहिए। इससे सामान्य लोग अपने मुआवजे और पुनर्वास के अधिकारों को लेकर अधिक आश्वस्त हो सकते हैं।

न्यायालय द्वारा तय किए गए प्रमुख प्रश्न

  • क्या भूमि अधिग्रहण पीड़ित को वैकल्पिक भूखंड देने का अधिकार है यदि पहले आवंटित भूखंड का कब्जा नहीं मिला?

  • क्या पत्नी द्वारा बाद में खरीदे गए भूखंड के आधार पर पुनः भूखंड आवंटन से इनकार किया जा सकता है?

अदालत का निर्णय

  • हाँ, भूमि अधिग्रहण पीड़ित को वैकल्पिक भूखंड देने का अधिकार है।

  • नहीं, पत्नी द्वारा बाद में भूखंड खरीदने से याचिकाकर्ता का अधिकार समाप्त नहीं होता।

पक्षकारों द्वारा उद्धृत निर्णय

  • सीडब्ल्यूजेसी सं. 4969/1996 (नंद लाल टिबरीवाल एवं अशोक कुमार साह)

  • सीडब्ल्यूजेसी सं. 10340/2003 (अंगीरी देवी)

मामले का शीर्षक: श्री बज किशोर प्रसाद बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

मामला संख्या: सीडब्ल्यूजेसी संख्या 7538/2021



उद्धरण: 2024(4) PLJR 562



पीठ: माननीय न्यायमूर्ति संदीप कुमार



वकील: याचिकाकर्ता की ओर से श्री बिनय कुमार चौबे, राज्य की ओर से श्री सुभाष प्रसाद सिंह (GA-3)



निर्णय लिंक: 

https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjNzUzOCMyMDIxIzEjTg==-Ss5G4bUjqLQ=

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