निर्णय का सरल विवरण:
पटना उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक युवक को बलात्कार और POCSO अधिनियम के तहत दोषी ठहराने वाले निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। पहले उसे दस वर्ष की कठोर सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोपों को उचित प्रमाणों से सिद्ध नहीं कर सका।
अभियोजन के अनुसार 20 मई 2018 को सुबह जब पीड़िता शौच के लिए निकली थी, तो आरोपी ने उसे बंदूक दिखाकर डराया और बलात्कार किया। उसने पीड़िता की नग्न तस्वीरें भी लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। एफआईआर घटना के आठ दिन बाद दर्ज की गई थी।
अपील का मुख्य आधार यह था कि पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम सिद्ध नहीं की गई थी, जो कि POCSO कानून लागू करने के लिए अनिवार्य है। अभियोजन पक्ष ने केवल मेडिकल रिपोर्ट पर भरोसा किया जिसमें उम्र 17 से 19 वर्ष बताई गई थी, जबकि बचाव पक्ष ने स्कूल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर सिद्ध किया कि पीड़िता का जन्म 29 मई 1997 को हुआ था, जिससे उसकी उम्र घटना के समय 20 वर्ष से अधिक थी।
इसके अलावा पीड़िता के बयानों में विरोधाभास पाए गए और मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार या शरीर पर कोई खरोंच नहीं मिली, जो कि कथित घटनास्थल (ईख का खेत) में असंभव माना गया।
अदालत ने पाया कि POCSO अधिनियम लागू करने हेतु आवश्यक तथ्य सिद्ध नहीं हुए और IPC की धारा 376 के अंतर्गत भी आरोप संदेह से परे प्रमाणित नहीं हो सके। इसलिए अदालत ने आरोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया और तत्काल रिहा करने का आदेश दिया।
फैसले का महत्व:
यह निर्णय गंभीर आपराधिक मामलों में पुख्ता सबूतों की आवश्यकता को दोहराता है। यह स्पष्ट करता है कि POCSO अधिनियम तभी लागू होगा जब पीड़िता की अल्पायु (18 वर्ष से कम) को प्रमाणित किया जाए। यह फैसला गलत तरीके से दोषसिद्ध व्यक्तियों को न्याय दिलाने में सहायक बन सकता है।
विवादित कानूनी मुद्दे और न्यायालय का निर्णय:
क्या पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम सिद्ध हुई? – नहीं
क्या बलात्कार का अपराध प्रमाणित हुआ? – नहीं, संदेह से परे प्रमाणित नहीं हुआ
क्या POCSO कानून लागू होता है? – नहीं, पीड़िता बालिग थी
क्या पीड़िता की गवाही विश्वसनीय थी? – नहीं, विरोधाभासी पाई गई
न्यायालय द्वारा उल्लेखित निर्णय:
Babu v. State of Kerala, (2010) 9 SCC 189
Navin Dhaniram Baraiye v. State of Maharashtra, 2018 SCC Online Bom 1281
Joy V.S. v. State of Kerala, (2019) SCC Online Ker 783
Sahid Hossain Biswas v. State of West Bengal, 2017 SCC Online Cal 5023
Monish v. State of U.P., Crl. Misc. Bail App No. 55026 of 2021
Mariappan v. Inspector of Police, Crl. M.P. (MD) No. 1396 of 2023
Latu Das v. State of Assam, 2019 SCC Online Gau 5947
Jarnail Singh v. State of Haryana, (2013) 7 SCC 263
P. Yuvaprakash v. State, 2023 SCC Online SC 846
मामले का शीर्षक: इस्लाम मियां हजाम बनाम बिहार राज्य
मामला संख्या: क्रिमिनल अपील (एसजे) नं. 1210/2023
साइटेशन: 2024(4) PLJR 579
पीठ एवं न्यायाधीश: माननीय श्री न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार
अधिवक्ता:
अपीलकर्ता की ओर से: श्री बिमलेश कुमार पांडे
राज्य की ओर से: श्री रामचंद्र सिंह, एपीपी
सूचक की ओर से: श्री नौमान अहमद
निर्णय का लिंक:
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MjQjMTIxMCMyMDIzIzEjTg==-uDTXk–am1–JLYQY=