विस्तृत सारांश:
पटना उच्च न्यायालय में दायर सिविल रिट याचिका संख्या 1127/2020 का विवरण
याचिकाकर्ता:
स्टार बिल्ड मैक्स प्राइवेट लिमिटेड (बलुआ टाल, मोतिहारी)
- मालिक: परवेज अहमद खान (47 वर्ष)
- पता: बलुआ टाल, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण
प्रतिवादीगण:
- बिहार सरकार (प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग के माध्यम से)
- मुख्य अभियंता, पथ निर्माण विभाग
- मुख्य अभियंता (उत्तर), पथ निर्माण विभाग, दरभंगा
- अधीक्षण अभियंता, पथ निर्माण विभाग, दरभंगा
- कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, दरभंगा
- कनिष्ठ अभियंता, पथ निर्माण विभाग, दरभंगा
- सहायक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, दरभंगा
मामले की पृष्ठभूमि:
- याचिकाकर्ता की स्थिति:
- श्रेणी-I का ठेकेदार
- सड़क निर्माण का कार्य आवंटित किया गया था
- विवाद का कारण:
- निर्माण कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया
- समझौते में दी गई विशिष्टताओं के अनुसार काम नहीं किया गया
- विशेष स्थानों पर सड़क की मोटाई निर्धारित सीमा से कम पाई गई
कार्रवाई का क्रम:
- प्रारंभिक नोटिस:
- याचिकाकर्ता को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया
- प्रारंभ में कोई जवाब नहीं दिया गया
- बाद में जवाब दिया गया, जो संतोषजनक नहीं पाया गया
- विभाग का निर्णय:
- ठेकेदार को 15 वर्षों के लिए काली सूची में डाल दिया गया
- सरकारी ठेकों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया
याचिकाकर्ता के मुख्य तर्क:
- पहला तर्क – नोटिस की कमियां:
- कारण बताओ नोटिस में प्रस्तावित अंतिम कार्रवाई का उल्लेख नहीं था
- नोटिस असंतोषजनक जवाब की स्थिति में की जाने वाली कार्रवाई नहीं बताता
- दूसरा तर्क – अनुपातहीन दंड:
- केवल तीन स्थानों पर कमियों के लिए 15 साल का प्रतिबंध बहुत कठोर
- निरीक्षण उनकी अनुपस्थिति में किया गया
- मानसून के बाद निरीक्षण किया गया
कानूनी पहलू:
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय:
- गोरखा सिक्योरिटी सर्विसेज बनाम दिल्ली सरकार (2014) का हवाला
- प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के लिए नोटिस में दो बातें आवश्यक:
a) विभाग द्वारा कार्रवाई के लिए आधार
b) प्रस्तावित दंड/कार्रवाई का विवरण
- न्यायालय का विश्लेषण:
- नोटिस में बिहार ठेकेदार पंजीकरण नियम, 2007 का उल्लेख था
- यह संभावित परिणामों का पर्याप्त संकेत माना गया
विभागीय कार्रवाई का क्रम:
- प्रारंभिक जांच:
- फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा निरीक्षण
- तकनीकी समिति द्वारा कमियों का विश्लेषण
- की गई कार्रवाई:
- ठेकेदार का अनुबंध रद्द
- बैंक गारंटी जब्त
- काम दूसरी एजेंसी को सौंपा गया
न्यायालय का निर्णय:
- नोटिस के संबंध में:
- नोटिस को वैध माना गया
- इसमें पर्याप्त जानकारी थी
- दंड के संबंध में:
- प्रतिबंध की अवधि पर पुनर्विचार की आवश्यकता मानी
- याचिकाकर्ता को अपील का अवसर दिया
महत्वपूर्ण निर्देश:
- अपील के संबंध में:
- विभागीय सचिव के समक्ष अपील की जा सकती है
- सभी तथ्यों को प्रस्तुत किया जा सकता है
- पक्षपात के आरोपों पर भी विचार किया जाएगा
- समय सीमा:
- सचिव को 60 दिनों के भीतर तर्कसंगत आदेश पारित करना होगा
- मामला संख्या 129/2009 के अंतिम निर्णय तक ब्लैकलिस्टिंग स्थगित करने पर भी विचार किया जाएगा
निर्णय का महत्व:
- प्रशासनिक न्याय:
- प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन आवश्यक
- दंड अपराध के अनुपात में होना चाहिए
- अपील का अधिकार:
- प्रभावित पक्ष को अपना पक्ष रखने का पूर्ण अवसर
- उच्च अधिकारी द्वारा समग्र समीक्षा का प्रावधान
- व्यावसायिक प्रभाव:
- सरकारी ठेकेदारों के लिए मार्गदर्शक निर्णय
- काम की गुणवत्ता और जवाबदेही का महत्व
यह निर्णय सरकारी ठेकों में गुणवत्ता और जवाबदेही के महत्व को रेखांकित करता है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि दंडात्मक कार्रवाई न्यायसंगत और समानुपातिक हो।
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https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjMTEyNyMyMDIwIzEjTg==-FmMfocU0gAQ=