पटना हाईकोर्ट का अहम फैसला: रिश्वत और आय से अधिक संपत्ति मामलों में जब्त संपत्ति किस केस में रखी जाए, हुआ स्पष्ट

पटना हाईकोर्ट का अहम फैसला: रिश्वत और आय से अधिक संपत्ति मामलों में जब्त संपत्ति किस केस में रखी जाए, हुआ स्पष्ट

निर्णय की सरल व्याख्या

पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया है कि जब कोई संपत्ति या दस्तावेज रिश्वत या आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets – D.A.) के केस में जब्त किए जाते हैं, तो उन्हें किस केस में रखकर जांच की जानी चाहिए, यह कानून के अनुसार तय होना चाहिए।

यह मामला तीन याचिकाकर्ताओं से जुड़ा था जो एक सरकारी कर्मचारी के रिश्तेदार हैं। उन पर सीधा कोई रिश्वत लेने का आरोप नहीं था, लेकिन उनके बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट और प्रॉपर्टी से जुड़े कागज़ात पुलिस द्वारा जब्त कर लिए गए थे। याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि चूंकि इन चीजों का उस रिश्वत केस (जहां ₹10,000 रिश्वत लेने का आरोप था) से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए उन्हें वापस किया जाए।

पहले, कोर्ट ने गहनों को वापस करने की अनुमति दे दी थी, लेकिन बाकी चीजें (जैसे कि बैंक खाते और प्रॉपर्टी के कागजात) नहीं लौटाए गए क्योंकि एक अन्य केस, D.A. केस, अभी भी लंबित था।

याचिकाकर्ताओं का कहना था कि इन संपत्तियों का रिश्वत वाले मामले से कोई संबंध नहीं है। वहीं, विजिलेंस विभाग ने जवाब दिया कि ये सब चीजें D.A. केस का हिस्सा हैं और इनसे उनकी संपत्ति की जांच की जा रही है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला दिया कि चूंकि जब्त की गई संपत्ति का रिश्वत केस (जिसमें ₹10,000 की रिश्वत का मामला है) से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए उन्हें उस केस के तहत जब्त रखे जाने की जरूरत नहीं है। लेकिन क्योंकि वही संपत्तियां D.A. केस में इस्तेमाल की जा रही हैं और वो केस अब भी लंबित है, इसलिए उन्हें D.A. केस के तहत ही जब्त माना जाएगा।

अंत में, कोर्ट ने आदेश दिया कि ये सभी बैंक खाते, नकद राशि और प्रॉपर्टी के दस्तावेज अब रिश्वत केस के रिकॉर्ड से हटा दिए जाएं और केवल D.A. केस के हिस्से के रूप में रखे जाएं।

निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर

यह फैसला सरकारी एजेंसियों और आम जनता दोनों के लिए दिशा-निर्देश तय करता है। कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी जब्त संपत्ति को तभी रोका जा सकता है जब उसका संबंध विशेष रूप से उस अपराध से हो।

अगर संपत्ति किसी एक केस से जुड़ी नहीं है, तो उसे उस केस में रोके रखना अवैध है। वहीं, अगर वह दूसरी लंबित जांच का हिस्सा है, तो उसे उस केस में ट्रांसफर करके रखा जा सकता है।

इससे आम लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि अगर उनका नाम किसी अपराध में नहीं है, तो उनकी निजी संपत्ति जब्त नहीं की जा सकती जब तक उसका सीधा संबंध अपराध से न हो।

कानूनी मुद्दे और निर्णय (बुलेट में)

  • क्या जब्त की गई संपत्ति रिश्वत केस (P.S. केस संख्या 41/2010) से संबंधित थी?
    • कोर्ट का निर्णय: नहीं। कोर्ट ने कहा कि बैंक खाते, नकद राशि और प्रॉपर्टी डीड का रिश्वत केस से कोई संबंध नहीं है।
  • क्या वही संपत्ति D.A. केस (P.S. केस संख्या 32/2015) में सबूत के रूप में इस्तेमाल हो रही है?
    • कोर्ट का निर्णय: हाँ। चूंकि वह संपत्ति D.A. केस में जरूरी है, इसलिए उसे उसी केस में जब्त मानकर रखा जाएगा।

मामले का शीर्षक

Qudsia Bano @ Shagufta Yasmin & Ors. बनाम बिहार राज्य, विजिलेंस ब्यूरो के माध्यम से

केस नंबर

Criminal Miscellaneous No. 37475 of 2016

उद्धरण (Citation)- 2025 (1) PLJR 127

न्यायमूर्ति गण का नाम

माननीय श्री न्यायमूर्ति शैलेन्द्र सिंह

वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए

  • श्री राज नंदन प्रसाद — याचिकाकर्ताओं की ओर से
  • श्री अरविंद कुमार — राज्य (विजिलेंस) की ओर से

निर्णय का लिंक

NiMzNzQ3NSMyMDE2IzEzI04=-iWUrpZksF28=

“यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी और आप बिहार में कानूनी बदलावों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो Samvida Law Associates को फॉलो कर सकते हैं।”

Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News