जीएसटी ट्रांजिशनल क्रेडिट को लेकर पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

जीएसटी ट्रांजिशनल क्रेडिट को लेकर पटना हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

पटना हाई कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि यदि ट्रांजिशनल इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) केवल इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेज़र में दिख रहा है, तो उसे तब तक “avail” (लाभ लिया गया) नहीं माना जा सकता जब तक उसका वास्तव में उपयोग न किया गया हो। इस फैसले से बिहार सहित पूरे देश में व्यापारियों को राहत मिली है।

निर्णय की सरल व्याख्या

एक निर्माण क्षेत्र में कार्यरत साझेदारी फर्म ने अपने पुराने बिहार वैट (VAT) और एंट्री टैक्स के तहत मिले इनपुट टैक्स क्रेडिट को नए जीएसटी कानून के तहत ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया था। वित्त वर्ष 2007–08 और 2011–12 में मिले इनपुट टैक्स क्रेडिट की राशि कुल ₹42 लाख से अधिक थी। फर्म ने इस ट्रांजिशनल क्रेडिट को 2017 में लागू हुए जीएसटी सिस्टम में फॉर्म TRAN-1 के माध्यम से स्थानांतरित करने की मांग की थी।

बिहार के कर विभाग ने इस आवेदन को खारिज करते हुए यह कहा कि फर्म ने गलत तरीके से यह क्रेडिट “avail” किया है। इस आधार पर विभाग ने ₹42.73 लाख का टैक्स, ₹9.16 लाख ब्याज, और ₹4.27 लाख पेनल्टी मिलाकर कुल ₹56.18 लाख की मांग जारी की।

फर्म ने इस आदेश को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी। उनका तर्क था कि उन्होंने केवल क्रेडिट को लेज़र में दिखाया है, उसका उपयोग किसी टैक्स देनदारी को कम करने के लिए नहीं किया गया है। इसलिए इसे “availment” नहीं माना जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने विभाग के इस आदेश को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि किसी इनपुट टैक्स क्रेडिट को केवल लेज़र में दिखा देना उसे “avail” करना नहीं कहा जा सकता। जब तक उस क्रेडिट का उपयोग टैक्स चुकाने के लिए नहीं किया जाता, तब तक न तो टैक्स मांग बनाई जा सकती है और न ही पेनल्टी लगाई जा सकती है।

निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर

यह फैसला जीएसटी लागू होने के बाद पुराने टैक्स सिस्टम से आए हजारों व्यापारियों के लिए राहत लेकर आया है। खासकर उन व्यापारियों के लिए जो पुराने सिस्टम से GST में आए और उनके पास कुछ इनपुट टैक्स क्रेडिट बचा हुआ था। कोर्ट ने कहा कि जब तक आप उस क्रेडिट को टैक्स भरने में इस्तेमाल नहीं करते, तब तक सरकार उसे “गलत उपयोग” मानकर जुर्माना या टैक्स की मांग नहीं कर सकती।

यह फैसला विभाग द्वारा जल्दबाज़ी में टैक्स वसूली की प्रवृत्ति पर भी लगाम लगाता है और व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा करता है।

कानूनी मुद्दे और निर्णय (बुलेट में)

  • क्या सिर्फ लेज़र में क्रेडिट दिखाना “avail” माना जाएगा?
    नहीं। जब तक उसका उपयोग न किया जाए, उसे availment नहीं माना जा सकता।
  • क्या Section 73 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है बिना क्रेडिट उपयोग के?
    नहीं। केवल उपयोग या लाभ लेने की पुष्टि होने पर ही कार्रवाई की जा सकती है।
  • क्या TRAN-1 फार्म की अस्वीकृति से टैक्स देनदारी बन जाती है?
    नहीं। फार्म अस्वीकृत हो सकता है, लेकिन उससे स्वतः टैक्स देनदारी उत्पन्न नहीं होती।

पार्टियों द्वारा संदर्भित निर्णय

  • Union of India & Ors. v. Ind Swift Laboratories Ltd., (2011) 4 SCC 635

मामले का शीर्षक

M/s Commercial Steel Engineering Corporation बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

केस नंबर

Civil Writ Jurisdiction Case No. 2125 of 2019

उद्धरण (Citation)- 2020 (2) PLJR 44

माननीय न्यायमूर्ति गण का नाम

माननीय श्री न्यायमूर्ति ज्योति सरन
माननीय श्री न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव

वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए

श्री गौतम कुमार केजरीवाल — याचिकाकर्ता की ओर से
श्री विकास कुमार (SC11) — प्रतिवादी की ओर से

निर्णय का लिंक

MTUjMjEyNSMyMDE5IzEjTg==-DBjyNxQOiwU=

“यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी और आप बिहार में कानूनी बदलावों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो Samvida Law Associates को फॉलो कर सकते हैं।”

Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News