निर्णय की सरल व्याख्या
पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में यह स्पष्ट किया कि नवोदय विद्यालय (JNV) में कार्यरत शिक्षक यदि बिहार सरकार के स्कूल में हेडमास्टर बनते हैं, तो उन्हें अपने पुराने वेतन का संरक्षण (pay protection) नहीं मिलेगा।
इस मामले में याचिकाकर्त्री एक नवोदय विद्यालय (गोड्डा, झारखंड) में सहायक अध्यापक थीं। वर्ष 2005 में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने माध्यमिक विद्यालयों में हेडमास्टर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला। याचिकाकर्त्री ने आवेदन किया और 2014 में उनका चयन हो गया।
उन्होंने हेडमास्टर का पदभार संभालने के बाद यह मांग की कि उन्हें नवोदय विद्यालय में मिलने वाले वेतन का संरक्षण दिया जाए। लेकिन सरकार ने 29.01.2016 को आदेश पारित कर कहा कि उनकी नियुक्ति एक नया पदस्थापन (fresh appointment) है, इसलिए उन्हें वेतन संरक्षण नहीं मिलेगा।
याचिकाकर्त्री ने दलील दी कि—
- बिहार सेवा संहिता (Bihar Service Code) की धारा 3 के तहत उनके वेतन संरक्षण का अधिकार है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने कृष्णकांत तिवारी बनाम केन्द्रीय विद्यालय संगठन (2014) 3 SCC 471 में वेतन संरक्षण का लाभ दिया था।
लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि—
- यह नियुक्ति पूरी तरह नई भर्ती थी, जो खुले विज्ञापन के जरिए हुई थी।
- सेवा संहिता का लाभ केवल उन्हीं को मिलता है जो पहले से बिहार सरकार की सेवा में हों। नवोदय विद्यालय में नौकरी राज्य सरकार की सेवा नहीं मानी जाएगी।
- सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय इस मामले में लागू नहीं होता क्योंकि वह राज्य से केंद्र की सेवा में गए शिक्षकों पर आधारित था।
- वेतन संरक्षण का लाभ केवल तभी मिलता है जब स्थानांतरण (transfer) या पदोन्नति (promotion) एक ही सेवा ढांचे के भीतर हो।
अंततः, अदालत ने याचिकाकर्त्री की अपील खारिज कर दी और यह तय किया कि वेतन संरक्षण का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव
- शिक्षकों के लिए: यह फैसला बताता है कि यदि कोई शिक्षक नवोदय विद्यालय या अन्य केंद्रीय संस्थान से बिहार सरकार की सेवा में आता है, तो उसे नए सिरे से नौकरी मानी जाएगी और वेतन संरक्षण नहीं मिलेगा।
- सरकार के लिए: इस निर्णय से सरकार पर अतिरिक्त वेतन भार नहीं बढ़ेगा और केवल उन्हीं कर्मचारियों को वेतन संरक्षण मिलेगा जो राज्य सेवा के अंतर्गत आते हैं।
- शिक्षा व्यवस्था के लिए: यह फैसला स्पष्ट करता है कि केंद्रीय और राज्य सेवाओं के बीच आने-जाने वालों के लिए वेतन संरक्षण स्वचालित रूप से लागू नहीं होगा।
कानूनी मुद्दे और निर्णय
- क्या नवोदय विद्यालय के शिक्षक को बिहार सरकार में हेडमास्टर बनने पर वेतन संरक्षण मिलेगा?
❌ नहीं। इसे नई नियुक्ति माना जाएगा। - क्या सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय (कृष्णकांत तिवारी केस) लागू होता है?
❌ नहीं। वह केवल राज्य से केंद्र की सेवा में जाने वाले शिक्षकों के लिए था। - क्या सेवा संहिता की धारा 3 लागू होती है?
❌ नहीं। यह केवल बिहार सरकार की सेवा में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के लिए है।
पार्टियों द्वारा संदर्भित निर्णय
- कृष्णकांत तिवारी बनाम केन्द्रीय विद्यालय संगठन (2014) 3 SCC 471
न्यायालय द्वारा उपयोग में लाए गए निर्णय
- State of Bihar बनाम Rajendra Rai (LPA No. 374/2019 एवं अन्य मामलों में)
मामले का शीर्षक
Dr. Sunita Kumari बनाम State of Bihar एवं अन्य
केस नंबर
Letters Patent Appeal No. 1674 of 2018
(in Civil Writ Jurisdiction Case No. 5152 of 2016)
उद्धरण (Citation)
2021(1) PLJR 662
न्यायमूर्ति गण का नाम
- माननीय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह
- माननीय न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- श्री मोहम्मद हेलाल अहमद — अपीलकर्ता की ओर से
- श्री अशुतोष रंजन पांडेय (AAG-15) — प्रतिवादी राज्य की ओर से
निर्णय का लिंक
MyMxNjc0IzIwMTgjMSNO-xls64–ak1–tc4ts=
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