पटना हाई कोर्ट का फैसला: जीएसटी अपील बहाली और विशेष प्रक्रिया (2023)

पटना हाई कोर्ट का फैसला: जीएसटी अपील बहाली और विशेष प्रक्रिया (2023)

निर्णय की सरल व्याख्या

पटना हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी करदाता की अपील जीएसटी कानून के तहत समय सीमा से बाहर होने के कारण खारिज हो गई थी, तो अब वह अपील दोबारा सुनी जा सकती है। यह राहत केंद्र सरकार द्वारा जारी सीबीआईसी अधिसूचना संख्या 53/2023–केंद्रीय कर दिनांक 02.11.2023 के तहत उपलब्ध कराई गई है।

मामला इस प्रकार था कि एक करदाता ने बीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 107 के तहत अपील दायर की थी, लेकिन यह अपील निर्धारित अवधि (3 माह + 1 माह) से भी अधिक देरी से दाखिल हुई। अपीलीय प्राधिकारी ने कहा कि कानून में इस अवधि से अधिक देरी माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए अपील खारिज की जाती है।

याचिकाकर्ता ने इस आदेश को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने पाया कि सामान्य परिस्थिति में अपील की देरी माफ नहीं की जा सकती। लेकिन सीबीआईसी ने 02.11.2023 को एक विशेष अधिसूचना जारी कर दी है जिसके अंतर्गत 31.03.2023 तक पारित किए गए आदेशों के खिलाफ अपील 31.01.2024 तक दाखिल की जा सकती है। इस अधिसूचना में कुछ विशेष शर्तें रखी गई हैं जिनका पालन करना अनिवार्य है।

इस प्रकार, कोर्ट ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी द्वारा खारिज की गई अपील को अब बहाल किया जा सकता है, बशर्ते करदाता अधिसूचना में बताए गए सभी शर्तों का पालन करे।

अधिसूचना की मुख्य बातें

  • अंतिम तिथि: अपील 31.01.2024 तक फॉर्म GST APL-01 में दाखिल करनी होगी। यदि अपील पहले से लंबित है तो उसे भी अधिसूचना के अनुरूप माना जाएगा, लेकिन शर्तें पूरी करनी होंगी।
  • जमा करने की शर्तें:
    • जितना कर, ब्याज, शुल्क या जुर्माना करदाता ने खुद स्वीकार किया है, उसे पूरा चुकाना होगा।
    • शेष विवादित कर पर 12.5% की राशि जमा करनी होगी (अधिकतम सीमा ₹25 करोड़)। इसमें से 20% राशि नकद के रूप में इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से जमा करनी होगी।
  • रिफंड पर रोक: यदि अधिसूचना से पहले करदाता ने आवश्यक राशि से अधिक भुगतान कर दिया है, तो अपील के निपटारे तक उसका रिफंड नहीं मिलेगा।
  • सीमाएं: जहां कर विवाद नहीं है, वहां यह विशेष प्रक्रिया लागू नहीं होगी।

हाई कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने कहा कि करदाता की अपील बहाल की जाएगी लेकिन उसे अधिसूचना में बताई गई शर्तों का पालन करना होगा। इसका मतलब है कि पहले से जमा की गई 10% राशि के अतिरिक्त जो राशि अधिसूचना के तहत चाहिए (यानी कुल 12.5%), उसे 31.01.2024 तक जमा करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अपील फिर से खारिज मानी जाएगी।

साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन करदाताओं की याचिकाएं पहले हाई कोर्ट में केवल समय सीमा के आधार पर खारिज हो गई थीं, वे भी इस अधिसूचना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निर्धारित समयसीमा और शर्तों का पालन करना होगा।

राज्य सरकार के कर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वे सभी अधिकारियों और अपीलीय प्राधिकरणों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी करें ताकि समान परिस्थिति वाले करदाताओं को राहत मिल सके।

निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर

  • करदाताओं के लिए: यह फैसला उन करदाताओं के लिए बहुत राहत देने वाला है जिन्होंने गलती से अपील की समय सीमा चूक दी थी। अब उनके पास अपनी अपील दोबारा सुनवाने का अवसर है।
  • सरकार के लिए: यह व्यवस्था राजस्व की सुरक्षा भी करती है क्योंकि करदाता को पहले से निश्चित राशि जमा करनी होगी।
  • व्यवहारिक असर: इससे बड़ी संख्या में पुराने विवादित मामलों को अपीलीय स्तर पर निपटाने का अवसर मिलेगा और लंबित मुकदमों की संख्या घटेगी।

कानूनी मुद्दे और निर्णय

  • क्या धारा 107 के तहत समय सीमा से बाहर अपील बहाल की जा सकती है?
    ✅ हां, यदि करदाता सीबीआईसी अधिसूचना 53/2023 की शर्तें पूरी करता है।
  • क्या कोर्ट सामान्य रूप से धारा 107 की समय सीमा से बाहर देरी माफ कर सकता है?
    ❌ नहीं। यह केवल अधिसूचना के कारण संभव हुआ है, सामान्य रूप से नहीं।
  • क्या पहले से खारिज याचिकाएं भी इसका लाभ ले सकती हैं?
    ✅ हां, सभी ऐसे मामलों में यह अधिसूचना लागू होगी।

मामले का शीर्षक

M/s Micro Zone Vs. The Union of India

केस नंबर

Civil Writ Jurisdiction Case No. 16155 of 2023

न्यायमूर्ति गण का नाम

माननीय मुख्य न्यायाधीश (के. विनोद चंद्रन, CJ) एवं माननीय न्यायमूर्ति राजीव रॉय। दिनांक: 10.11.2023

वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए

  • याचिकाकर्ता की ओर से: श्री अनुराग सौरव, अधिवक्ता
  • प्रतिवादी (भारत संघ/कर प्राधिकरण) की ओर से: डॉ. के. एन. सिंह, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल; श्री अंशुमान सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता (सीजीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद); श्री विकास कुमार, अधिवक्ता (SC-11)

निर्णय का लिंक

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Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

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