पटना हाई कोर्ट का फैसला: जीएसटी अपील में 10% राशि कैश या क्रेडिट लेजर से जमा करने पर विवाद – निर्णय 2023

पटना हाई कोर्ट का फैसला: जीएसटी अपील में 10% राशि कैश या क्रेडिट लेजर से जमा करने पर विवाद – निर्णय 2023

निर्णय की सरल व्याख्या

पटना हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया जिसमें यह सवाल उठा कि जीएसटी (GST) के तहत अपील दाखिल करने के लिए जरूरी 10% अग्रिम राशि केवल इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से जमा करनी होगी या फिर इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर से भी जमा की जा सकती है।

मामला एक व्यवसायिक फर्म से जुड़ा था, जिसने अपील दाखिल करने के लिए 10% अग्रिम राशि अपने क्रेडिट लेजर से जमा कर दी थी। लेकिन अपीलीय प्राधिकारी (Appellate Authority) ने इस आधार पर अपील खारिज कर दी कि यह राशि केवल कैश लेजर से ही जमा की जा सकती थी।

व्यवसायी ने इस आदेश को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी।

हाई कोर्ट ने पहले के फैसले और सरकारी अधिसूचनाओं का अध्ययन किया। अदालत ने यह माना कि इस विषय पर पहले भी फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड बनाम बिहार राज्य (CWJC No. 1848 of 2023, दिनांक 19.09.2023) में पटना हाई कोर्ट की एक पीठ ने कहा था कि राशि केवल कैश लेजर से ही जमा हो सकती है। लेकिन इस फैसले के कुछ हिस्सों पर सुप्रीम कोर्ट ने 04.12.2023 को रोक लगा दी थी।

इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार की अधिसूचना संख्या 53/2023 (दिनांक 02.11.2023) का भी जिक्र किया। इस अधिसूचना में यह व्यवस्था दी गई थी कि अपील दाखिल करने में देरी होने पर भी राहत दी जाएगी, और अग्रिम राशि का कुछ हिस्सा क्रेडिट लेजर से भी जमा किया जा सकता है। इसका मतलब है कि जीएसटी परिषद (GST Council) भी मानती है कि अग्रिम राशि क्रेडिट लेजर से जमा करने की अनुमति हो सकती है।

अदालत ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक अपील को केवल इस तकनीकी आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि राशि कैश लेजर से जमा नहीं की गई।

इसलिए पटना हाई कोर्ट ने अपीलीय प्राधिकारी का आदेश रद्द कर दिया और निर्देश दिया कि अपील को गुण-दोष (merits) पर सुना जाए। साथ ही, यह स्पष्ट किया गया कि बिहार में कर विभाग अब अपील पर विचार करते समय केवल कैश लेजर से जमा कराने की शर्त पर ज़ोर नहीं देगा।

निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर

इस फैसले का प्रभाव न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश के व्यवसायियों और करदाताओं पर पड़ेगा:

  1. व्यापारियों को राहत: अब केवल इस आधार पर अपील खारिज नहीं होगी कि 10% अग्रिम राशि कैश लेजर की बजाय क्रेडिट लेजर से जमा की गई है।
  2. स्पष्टता आने तक सुरक्षा: जब तक सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक अपील करने वालों को असुविधा नहीं होगी।
  3. न्याय तक आसान पहुंच: तकनीकी कारणों से अपील खारिज होने की संभावना कम होगी और मामलों का निपटारा गुण-दोष के आधार पर होगा।
  4. विभागीय निर्देशों में बदलाव: कर विभाग को भी यह ध्यान रखना होगा कि इस तरह की शर्त पर ज़ोर न दिया जाए और अपील स्वीकार की जाए।

यह फैसला व्यवसायियों को बड़ी राहत देता है और सुनिश्चित करता है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकें।

कानूनी मुद्दे और निर्णय

  • मुद्दा: क्या जीएसटी अपील दाखिल करने के लिए 10% अग्रिम राशि केवल इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर से ही जमा करनी होगी?
  • अदालत का निष्कर्ष:
    • पहले के फैसले में कहा गया था कि राशि केवल कैश लेजर से जमा करनी होगी।
    • लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले के कुछ हिस्सों पर रोक लगा दी है।
    • केंद्र सरकार की अधिसूचना भी दिखाती है कि राशि का कुछ हिस्सा क्रेडिट लेजर से भी जमा हो सकता है।
    • इसलिए जब तक सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक अपील कैश और क्रेडिट – दोनों में से किसी से भी राशि जमा करने पर मान्य होगी।

अंतिम आदेश: अपीलीय प्राधिकारी का आदेश रद्द। अपील को गुण-दोष पर सुना जाएगा। केवल कैश लेजर से जमा कराने की शर्त लागू नहीं होगी।

न्यायालय द्वारा उपयोग में लाए गए निर्णय

  • फ्लिपकार्ट इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड बनाम बिहार राज्य (CWJC No. 1848 of 2023, दिनांक 19.09.2023) – इस फैसले में कहा गया था कि राशि कैश लेजर से जमा करनी होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसके कुछ हिस्सों पर रोक लगा दी है।

मामले का शीर्षक

एम/एस फ्रेंड्स मोबाइल बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

केस नंबर

Civil Writ Jurisdiction Case No. 6457 of 2023

न्यायमूर्ति गण का नाम

  • माननीय मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन
  • माननीय न्यायमूर्ति राजीव रॉय

वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए

  • याचिकाकर्ता की ओर से: सुश्री अर्चना सिन्हा, अधिवक्ता
  • प्रतिवादी की ओर से: श्री पी. के. शाही, महाधिवक्ता एवं श्री विकास कुमार, स्थायी अधिवक्ता-11

निर्णय का लिंक

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“यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी और आप बिहार में कानूनी बदलावों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो Samvida Law Associates को फॉलो कर सकते हैं।”

Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

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