बिहार भवन उपविधि 2014: निर्माण नियमों की पूरी जानकारी

बिहार भवन उपविधि 2014, बिहार में FAR और ऊँचाई की सीमाएँ

परिचय: बिहार में भवन निर्माण कानूनों की भूमिका

बिहार के शहरी क्षेत्रों, विशेष रूप से पटना जैसे तेजी से विकसित होते शहरों में, भवन निर्माण के लिए नगर उपविधियों का पालन करना अनिवार्य है। बिहार नगर भवन उपविधियाँ शहरी विकास को नियंत्रित करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और रहन-सहन योग्य वातावरण बनाने के लिए बनाई गई हैं। यह लेख FAR (फ्लोर एरिया अनुपात) और अधिकतम ऊँचाई से संबंधित मुख्य प्रावधानों को सरल भाषा में समझाता है।

कानून की सरल व्याख्या

बिहार की भवन उपविधियाँ भवन निर्माण की रूपरेखा तय करती हैं, जिसमें FAR, सेटबैक, कवरेज और ऊँचाई की सीमा को सड़क की चौड़ाई और भूखंड के आकार के आधार पर विनियमित किया गया है। FAR का अर्थ होता है कि किसी भूखंड पर कितनी फ्लोर एरिया बनाई जा सकती है। ऊँचाई की अधिकतम सीमा सड़क की चौड़ाई और क्षेत्र के प्रकार (जोनिंग) पर निर्भर करती है।

बिहार भवन उपविधि 2014 की प्रमुख धाराएं

  • 6 मीटर से कम चौड़ी सड़कों के लिए FAR: ऐसी सड़कों से लगे भूखंडों के लिए अधिकतम FAR 1.50 और अधिकतम ऊँचाई 7 मीटर निर्धारित है।
  • सेटबैक आवश्यकताएँ: हर इमारत को न्यूनतम सेटबैक (प्लॉट सीमा से दूरी) का पालन करना अनिवार्य है, जिससे रोशनी, हवा और आपातकालीन पहुंच सुनिश्चित हो सके।
  • ऊँचाई सीमा: ऊँचाई की अनुमति सड़क की चौड़ाई पर निर्भर करती है। चौड़ी सड़कों पर अधिक ऊँचाई की अनुमति दी जाती है।
  • जोन आधारित नियम: आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नियम लागू होते हैं।
  • स्वीकृति प्रक्रिया: निर्माण शुरू करने से पहले नगरपालिका या शहरी स्थानीय निकाय से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
  • उल्लंघन पर दंड: यदि FAR या ऊँचाई मानदंडों का उल्लंघन किया गया तो संबंधित भवन को गिराने या आर्थिक दंड देने का प्रावधान है।

अदालती निर्णय (पटना उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट)

पटना उच्च न्यायालय ने कई मामलों में भवन उपविधियों के पालन पर जोर दिया है। कोर्ट ने यह माना है कि स्वीकृत योजना से विचलन और नियमों का उल्लंघन जन सुरक्षा के लिए हानिकारक है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी नगर निकायों की स्वायत्तता को मान्यता दी है।

बिहार नियम / अधिसूचनाएँ

बिहार शहरी विकास एवं आवास विभाग समय-समय पर विशेष क्षेत्रों के लिए अधिसूचनाएँ जारी करता है, जैसे कि बाढ़ प्रभावित या उच्च घनत्व वाले क्षेत्र। पटना के कुछ हिस्सों में TOD (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) के अंतर्गत अधिक FAR की अनुमति दी गई है।

व्यावहारिक उपयोग

  • उदाहरण 1: गया में 1500 वर्गफुट भूखंड पर मकान बनाने वाले व्यक्ति को अधिकतम 2250 वर्गफुट निर्माण (FAR 1.5) और 7 मीटर ऊँचाई की सीमा का पालन करना होगा यदि सड़क 5 मीटर चौड़ी है।
  • उदाहरण 2: पटना में 10 मीटर चौड़ी सड़क के समीप भूखंड पर बिल्डर अधिक FAR और ऊँचाई की अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है, बशर्ते अन्य मानदंड पूरे हों।

सामान्य प्रश्न और उत्तर

  1. FAR क्या होता है?
    यह निर्धारित करता है कि भूखंड पर कितना निर्माण किया जा सकता है।
  2. क्या मैं ऊँचाई सीमा से अधिक निर्माण कर सकता हूँ यदि स्टिल्ट या बेसमेंट शामिल हो?
    बेसमेंट सामान्यतः FAR में शामिल नहीं होता, लेकिन स्टिल्ट का समावेश उपयोग पर निर्भर करता है।
  3. FAR का उल्लंघन करने पर क्या होता है?
    भवन को गिराया जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है। बिजली-पानी जैसी सुविधाएँ भी रोकी जा सकती हैं।
  4. क्या ये नियम ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होते हैं?
    नहीं, ये केवल नगर सीमा या अधिसूचित शहरी क्षेत्रों में लागू होते हैं।
  5. क्या पूर्व स्वीकृति लेना आवश्यक है?
    हाँ, बिना अनुमति निर्माण अवैध है और उस पर कार्रवाई हो सकती है।

सुझाव

यदि आप बिहार में भवन निर्माण की योजना बना रहे हैं, तो किसी पंजीकृत आर्किटेक्ट से परामर्श करें और अपने नक्शे को नगरपालिका से अनुमोदित कराएं। सभी आवश्यक दस्तावेज रखें और किसी विवाद की स्थिति में स्थानीय निकाय या पटना उच्च न्यायालय से मार्गदर्शन प्राप्त करें।

कृपया बिहार भवन उपनियम, 2014 का लिंक यहां देखें

Almas Ahmar

Md. Almas Ahmar is a dedicated legal researcher and he focuses on simplifying complex legal frameworks for public understanding and enhancing digital legal awareness. With a strong academic grounding in law and a keen interest in constitutional, administrative, and criminal law, he is particularly passionate about access to justice, legal literacy, and policy reforms. Apart from legal writing, he has also been actively involved in academic research, student legal clinics, and public interest litigation support. Almas believes in the transformative potential of legal education and is committed to furthering socially responsible lawyering.

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