समझें बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 – आसान भाषा में

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 समझें, जानें आसान भाषा में!

परिचय

बिहार में शराबबंदी के चलते अक्सर लोग गिरफ्तारी, वाहनों की जप्ती या घरेलू शराब रखने पर कानूनी परेशानी में फंस जाते हैं। इन हालातों में कई बार लोग यह नहीं जान पाते कि कानून क्या कहता है, और कैसे बचाव करें। बिहार में लागू बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम, 2016 इसी स्थिति को नियंत्रित करता है। यह कानून पटना हाइकोर्ट में आए कई केसों का आधार भी रहा है। इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में समझाएंगे—आप कौन से हालात में कानून के दायरे में आते हैं, किन धाराओं को जानना ज़रूरी है और अगर आप इस कानून की वजह से चिंतित हैं, तो क्या उपाय हैं।

कानून की सरल व्याख्या

यह कानून क्या है?
यह बिहार में पूरे राज्य में शराब और नशीले पदार्थों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, परिवहन, खरीद और उपयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगाता है।

किन पर लागू होता है?
यह हर व्यक्ति, वाहन चालक, दुकानदार, भंडारणकर्ता—सब पर लागू होता है। चाहे शराब भारत के किसी भी हिस्से से लाई गई हो या घर में तैयार की गई हो, यह कानून सभी पर लागू होता है।

क्यों लाया गया?
यह कानून अक्टूबर 2016 में लागू हुआ ताकि राज्य में पूर्ण शराबबंदी को प्रभावी बनाया जा सके। यह नीति संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुरूप है, जो राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए शराब पर नियंत्रण का निर्देश देता है।

मुख्य धाराएं (Sections)

1. धारा 13 – पूर्ण शराबबंदी
किसी भी प्रकार की शराब या नशीली वस्तु को बनाना, रखना, बेचना, खरीदना या पीना पूरी तरह से गैरकानूनी है।

2. धारा 30(a) – अवैध परिवहन
बिना अनुमति के शराब ले जाना गंभीर अपराध है, जिसमें 5 से 10 साल की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है।

3. धारा 34–36 – जहरीली या मिलावटी शराब
जहरीली शराब या नकली शराब के निर्माण और वितरण पर न्यूनतम 10 साल की सजा तक का प्रावधान है।

4. धारा 56 – जब्ती की शक्ति
शराब से जुड़े किसी भी अपराध में पुलिस या प्रशासन वाहन, नकदी या संपत्ति जब्त कर सकता है।

5. धारा 75 – मेडिकल जांच और दोष की धारणा
यदि आप साँस या खून की जांच से मना करते हैं तो यह आपकी गलती मानी जा सकती है, जब तक आप विपरीत प्रमाण न दें।

6. धारा 92 – अपील और नीलामी रुकवाने का अधिकार
जब्ती के खिलाफ आप अपील कर सकते हैं और सही प्रक्रिया के तहत अपने वाहन या संपत्ति की नीलामी रुकवा सकते हैं।

महत्वपूर्ण अदालती निर्णय

1. वाहन नीलामी पर स्टे आदेश
पटना हाई कोर्ट ने कहा कि जब्ती की प्रक्रिया के खिलाफ अपील के दौरान वाहन की नीलामी नहीं की जा सकती।

2. शराब के परिवहन पर सजा
एक व्यक्ति को झारखंड से बिहार शराब लाते हुए पकड़ा गया था। उसे कोर्ट ने 6 साल की सजा और जुर्माना दिया।

3. मेडिकल जांच की अनिवार्यता
कोर्ट ने कहा कि केवल ब्रेथ एनालाइज़र की रिपोर्ट पर्याप्त नहीं है, खून की जांच भी जरूरी है।

बिहार से संबंधित विशेष नियम/अधिसूचना

बिहार सरकार ने इस कानून को लागू करने के लिए 2017, 2021, 2022 और 2023 में कुछ नियम बनाए हैं, जैसे कि Neera नियम, जब्ती प्रक्रिया, अपील और लाइसेंस को लेकर निर्देश।

यदि कोई विशेष अधिसूचना नहीं मिले तो:
“इस कानून के अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा कोई विशेष नियम या अधिसूचना फिलहाल उपलब्ध नहीं है। राज्य में केंद्रीय कानून की धाराएं समान रूप से लागू होती हैं।”

बिहार में व्यावहारिक उपयोग

1. वाहन ज़प्त करने का मामला
10 लीटर देशी शराब ले जाते एक व्यक्ति का साइकिल जब्त कर लिया गया। उसने अपील की और कोर्ट ने वाहन की नीलामी रोक दी।

2. जहरीली शराब से मौत के मामले
2016 में गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हुई, जिससे यह कानून और सख्ती से लागू किया गया।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या घर पर शराब बनाना अपराध है?
हाँ, यह कानून के तहत दंडनीय है।

2. क्या पुलिस मेरी गाड़ी जब्त कर सकती है?
अगर उसमें शराब पाई जाती है, तो हाँ। लेकिन आप अपील कर सकते हैं।

3. क्या छापे के दौरान कैश ज़प्त किया जा सकता है?
नहीं, कानून केवल शराब और उससे जुड़े सामान की ज़प्ती की अनुमति देता है।

4. अगर मैंने शराब पी है पर टेस्ट नहीं करवाया, तो क्या दोषी माना जाऊँगा?
टेस्ट से मना करना आपके खिलाफ जाता है, पर केवल ब्रेथ टेस्ट काफी नहीं है—मेडिकल रिपोर्ट जरूरी है।

5. क्या डॉक्टर की दवा में शराब हो सकती है?
कुछ विशेष दवाओं में सीमित मात्रा में शराब हो सकती है, पर इसका दुरुपयोग कानूनन अपराध है।

पाठकों के लिए मार्गदर्शन

अगर आप या आपके किसी जानकार को इस कानून से जुड़ी कोई कानूनी परेशानी हो—जैसे गिरफ्तारी, वाहन जब्ती, या कोर्ट नोटिस—तो बिना देर किए किसी अनुभवी वकील से सलाह लें। सही समय पर ली गई सलाह से जेल जाने से बचा जा सकता है और ज़ब्त संपत्ति को वापस पाया जा सकता है।

कृपया बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 का लिंक यहां देखें

Almas Ahmar

Md. Almas Ahmar is a dedicated legal researcher and he focuses on simplifying complex legal frameworks for public understanding and enhancing digital legal awareness. With a strong academic grounding in law and a keen interest in constitutional, administrative, and criminal law, he is particularly passionate about access to justice, legal literacy, and policy reforms. Apart from legal writing, he has also been actively involved in academic research, student legal clinics, and public interest litigation support. Almas believes in the transformative potential of legal education and is committed to furthering socially responsible lawyering.

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