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“स्थानांतरण आदेश रद्द: पटना उच्च न्यायालय का कर्मचारी अधिकारों के पक्ष में फैसला”

 

यह मामला पटना उच्च न्यायालय में दर्ज हुआ, जहां एक क्लर्क, राजन कुमार, ने अपने स्थानांतरण के खिलाफ याचिका दायर की। याचिकाकर्ता का स्थानांतरण पश्चिम चंपारण (बेतिया) के सिविल सर्जन कार्यालय से मधेपुरा के सिविल सर्जन कार्यालय में किया गया था। याचिका में कहा गया कि यह स्थानांतरण बिहार स्वास्थ्य क्षेत्रीय लिपिकीय संवर्ग नियमावली, 2014 के नियम 16 का उल्लंघन करता है।

मुख्य बिंदु:

  1. स्थानांतरण का आदेश:

    • याचिकाकर्ता का स्थानांतरण 30 नवंबर 2018 को आदेशित किया गया।
    • नियम 16 के तहत, एक जिला स्तर के संवर्ग में तैनात क्लर्क का स्थानांतरण केवल विशेष परिस्थितियों और प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर ही जिला के बाहर किया जा सकता है।
  2. याचिकाकर्ता का तर्क:

    • स्थानांतरण आदेश में कोई ठोस कारण नहीं दिया गया।
    • नियम 16 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।
    • स्थानांतरण आदेश विशेष सचिव के मौखिक निर्देश पर आधारित था, जो कि नियमों का उल्लंघन है।
  3. राज्य सरकार का पक्ष:

    • राज्य ने स्वीकार किया कि क्लर्क का संवर्ग जिला स्तर का होता है।
    • प्रशासनिक आवश्यकताओं या किसी जिले में क्लर्क की कमी होने पर दूसरे जिले में स्थानांतरण किया जा सकता है।
    • हालांकि, सरकार के उत्तर में भी स्थानांतरण के कारणों का स्पष्ट उल्लेख नहीं था।
  4. न्यायालय का अवलोकन:

    • न्यायालय ने पाया कि स्थानांतरण आदेश नियम 16 के तहत आवश्यक कारणों को पूरा नहीं करता।
    • आदेश में प्रशासनिक आवश्यकता या विशेष परिस्थितियों का उल्लेख नहीं है।
    • मौखिक निर्देश के आधार पर स्थानांतरण करना नियमों का उल्लंघन है।
  5. निर्णय:

    • न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया।
    • हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में नियम 16 के अनुसार प्रशासनिक आवश्यकता हो, तो राज्य सरकार स्थानांतरण के लिए स्वतंत्र है।
        

पूरा
फैसला पढ़ने के लिए यहां
क्लिक करें:

https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjODA5MSMyMDE5IzEjTg==-5XKOo7ARKm0=

Abhishek Kumar

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