निर्णय की सरल व्याख्या
पटना हाई कोर्ट ने 8 जनवरी 2025 को एक अहम फैसला सुनाया, जो उन व्यापारियों और करदाताओं के लिए बड़ी राहत है जो जीएसटी विभाग के आदेशों के खिलाफ अपील करना चाहते हैं, लेकिन राज्य में अब तक जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन नहीं हुआ है।
इस मामले में याचिकाकर्ता एक व्यापारी है, जिसने जीएसटी अधिकारियों के आदेश को चुनौती दी थी। सामान्यतः ऐसे मामलों में कानून के तहत सेक्शन 112 के अंतर्गत ट्रिब्यूनल में अपील दायर की जाती है। लेकिन चूंकि बिहार में अब तक जीएसटी ट्रिब्यूनल बना ही नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता के पास अपील का कोई रास्ता नहीं बचा।
पूर्व में कोर्ट ने ऐसे ही मामलों में करदाताओं को राहत देते हुए कहा था कि जब तक ट्रिब्यूनल नहीं बनता, तब तक वे 20% टैक्स जमा करके वसूली पर रोक ले सकते हैं। लेकिन अब कानून में संशोधन कर यह राशि घटाकर 10% कर दी गई है, जो 1 नवम्बर 2024 से लागू है।
इस नई स्थिति को ध्यान में रखते हुए, पटना हाई कोर्ट ने कहा कि अब याचिकाकर्ता को सिर्फ 10% विवादित टैक्स जमा करना होगा, और उसके बाद जब तक ट्रिब्यूनल नहीं बनता, टैक्स की बाकी वसूली पर रोक लगी रहेगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत हमेशा के लिए नहीं है। जैसे ही ट्रिब्यूनल बनता है, याचिकाकर्ता को उसमें समय सीमा के अंदर अपील दायर करनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो विभाग को टैक्स वसूलने की पूरी छूट होगी।
अगर इस आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता 10% टैक्स जमा कर देता है, और बैंक खाता जब्त किया गया है, तो उसे भी खोल दिया जाएगा।
यह फैसला करदाताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि राज्य सरकार की प्रशासनिक देरी का नुकसान किसी व्यापारी को न उठाना पड़े।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर
यह फैसला बिहार के हजारों व्यापारियों और करदाताओं के लिए मिसाल है। इसके प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं:
- जिन लोगों के पास ट्रिब्यूनल न होने के कारण अपील का विकल्प नहीं था, अब उन्हें राहत मिलेगी।
- यह स्पष्ट करता है कि अब सिर्फ 10% टैक्स जमा करने से वसूली पर रोक लग सकती है।
- यह सरकार को संकेत देता है कि अपीलीय व्यवस्था का गठन समय पर करना आवश्यक है।
- यह आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और न्याय तक पहुंच को सुनिश्चित करता है।
यह फैसला न सिर्फ व्यापारियों को राहत देता है बल्कि यह भी दिखाता है कि कोर्ट प्रशासनिक देरी के कारण लोगों के अधिकारों का हनन नहीं होने देगा।
कानूनी मुद्दे और निर्णय (बुलेट में)
- मुद्दा: क्या बिना ट्रिब्यूनल के करदाता से टैक्स की जबरन वसूली की जा सकती है?
- निर्णय: नहीं। जब तक ट्रिब्यूनल नहीं बनता, करदाता को राहत मिलनी चाहिए।
- मुद्दा: क्या नया संशोधन (10% अग्रिम जमा) लागू होगा?
- निर्णय: हां। अब सिर्फ 10% टैक्स जमा करने पर ही वसूली पर रोक मिलेगी।
- मुद्दा: क्या यह राहत अनिश्चितकाल के लिए है?
- निर्णय: नहीं। ट्रिब्यूनल बनने के बाद निश्चित समय में अपील दायर करनी होगी।
- मुद्दा: अगर बैंक खाता जब्त किया गया है तो क्या होगा?
- निर्णय: अगर 10% टैक्स जमा कर दिया जाए, तो खाता खोल दिया जाएगा।
पार्टियों द्वारा संदर्भित निर्णय
- SAJ Food Products Pvt. Ltd. बनाम बिहार राज्य एवं अन्य, CWJC No. 15465/2022
न्यायालय द्वारा उपयोग में लाए गए निर्णय
- SAJ Food Products Pvt. Ltd. बनाम बिहार राज्य एवं अन्य, CWJC No. 15465/2022
मामले का शीर्षक
M/s Jindal Steel बनाम बिहार राज्य एवं अन्य
केस नंबर
Civil Writ Jurisdiction Case No.192 of 2025
न्यायमूर्ति गण का नाम
माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री के. विनोद चंद्रन
माननीय न्यायमूर्ति श्री पार्थ सारथी
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- श्री रंजीत कुमार, अधिवक्ता – याचिकाकर्ता की ओर से
- श्री संतोष कुमार, अधिवक्ता – याचिकाकर्ता की ओर से
- श्री कनिष्क कौस्तभ, अधिवक्ता – याचिकाकर्ता की ओर से
- श्री अंकश कुमार सिन्हा, अधिवक्ता – याचिकाकर्ता की ओर से
- श्री विकास कुमार, स्टैंडिंग काउंसल (11) – प्रतिवादी की ओर से
निर्णय का लिंक
e475a2fb-3f33-44aa-aba9-b8d90f4d2c35.pdf
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