निर्णय की सरल व्याख्या
पटना हाईकोर्ट ने सिविल रिट केस नंबर 22551/2019 में एक अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि जिन अभ्यर्थियों के पास Bachelor of Pharmacy (B.Pharma) या Master of Pharmacy (M.Pharma) की डिग्री है, वे बिहार फार्मासिस्ट कैडर नियमावली, 2014 के तहत फार्मासिस्ट (बेसिक श्रेणी) की सरकारी भर्ती के लिए पात्र हैं।
यह मामला तब उठा जब बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी ने विज्ञापन संख्या 07/2019 जारी कर फार्मासिस्ट पद के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए। याचिकाकर्ता, जो कि B.Pharma डिग्रीधारी हैं, आवेदन करना चाहते थे लेकिन ऑनलाइन फॉर्म में केवल “Diploma in Pharmacy” भरने का विकल्प था। B.Pharma का विकल्प न होने के कारण वे आवेदन नहीं कर सके।
राज्य सरकार का तर्क था कि नियमावली की धारा 6 के अनुसार डिप्लोमा अनिवार्य योग्यता है, और B.Pharma केवल “उच्च योग्यता” है, इसलिए उसे मान्य नहीं माना जा सकता। लेकिन याचिकाकर्ता ने कहा कि डिप्लोमा केवल न्यूनतम योग्यता है, न कि अनिवार्य, और नियमों में Appendix-1 में स्पष्ट उल्लेख है कि “B.Pharma और M.Pharma पास उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।”
कोर्ट ने कहा कि यदि नियमों में स्पष्ट रूप से उच्च योग्यता को मान्यता दी गई है, तो उसे नकारना नियमों के उद्देश्य के विपरीत होगा। इसके अलावा, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों में भी यह स्पष्ट है कि अस्पताल की फार्मेसी में काम करने के लिए B.Pharma योग्यता पर्याप्त है।
इसलिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि हेल्थ सोसाइटी को अपना ऑनलाइन फॉर्म सिस्टम सुधारना चाहिए और B.Pharma/M.Pharma धारकों को आवेदन का अवसर देना चाहिए। साथ ही आवेदन की अंतिम तिथि दो सप्ताह के लिए बढ़ाने का भी आदेश दिया गया।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर
यह निर्णय उन हज़ारों युवाओं के लिए राहत का संदेश है जिनके पास उच्च शिक्षा होते हुए भी सरकारी नौकरियों से वंचित कर दिया जाता है। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि नियमों में उच्च योग्यता को मान्यता दी गई है, तो उसे केवल तकनीकी कारणों से नकारा नहीं जा सकता। यह फैसला सरकारों को यह सोचने पर मजबूर करेगा कि ऑनलाइन प्रणाली और नियमों के बीच तालमेल होना चाहिए ताकि योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिले।
कानूनी मुद्दे और निर्णय (बुलेट में)
- क्या B.Pharma/M.Pharma डिग्री फार्मासिस्ट पद के लिए मान्य है?
- निर्णय: हाँ। नियमों और Appendix-1 के अनुसार यह वैध योग्यता है।
- क्या ऑनलाइन आवेदन प्रणाली द्वारा डिग्री धारकों को बाहर करना सही था?
- निर्णय: नहीं। यह नियमों के खिलाफ था।
- क्या “न्यूनतम योग्यता” का अर्थ केवल डिप्लोमा है?
- निर्णय: नहीं। उच्च डिग्री को भी मान्यता दी गई है।
- क्या आवेदन की अंतिम तिथि फिर से बढ़ाई जाएगी?
- निर्णय: हाँ। B.Pharma/M.Pharma धारकों को आवेदन का अवसर देने हेतु दो सप्ताह का समय दिया गया।
पार्टियों द्वारा संदर्भित निर्णय
- Zahoor Ahmad Rather v. Sheikh Imtiyaz Ahmad (2019) 2 SCC 404
- State of Punjab v. Anita (2015) 2 SCC 170
- Jyoti K.K. v. Kerala Public Service Commission (2010) 15 SCC 596
- Amlesh Kumar v. State of Bihar (Patna HC)
- Nandan Ban Goswami v. Vinod Kumar (Uttarakhand HC)
- Bihar State Power Holding Company v. Md. Asif Hussain (Patna HC)
न्यायालय द्वारा उपयोग में लाए गए निर्णय
- Zahoor Ahmad Rather v. Sheikh Imtiyaz Ahmad (2019) 2 SCC 404
- Jyoti K.K. v. Kerala Public Service Commission (2010) 15 SCC 596
- Ashish Kumar v. State of Uttar Pradesh (2018) 3 SCC 55
मामले का शीर्षक
Sanjeev Kumar Mishra vs. The State of Bihar & Others
केस नंबर
Civil Writ Jurisdiction Case No. 22551 of 2019
उद्धरण (Citation)
2020 (1) PLJR 489
न्यायमूर्ति गण का नाम
माननीय श्री न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- याचिकाकर्ता की ओर से: श्री मृगांक मौलि, श्री प्रिंस कुमार मिश्रा, श्री संकते
- राज्य की ओर से: श्री हिमांशु कुमार अकेला (AC to PAAG-2)
- हेल्थ सोसाइटी की ओर से: श्री के.के. सिन्हा, श्री शशि शेखर
- उत्तरदाता नं. 3 की ओर से (Intervenor): श्री सुरेंद्र कुमार सिंह, श्री शशि भूषण
निर्णय का लिंक
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjMjI1NTEjMjAxOSMxI04=-laJTwyknTyo=
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