पटना उच्च न्यायालय का फैसला : जीएसटी अपील दाखिल करने के लिए विशेष अवसर (2023)

पटना उच्च न्यायालय का फैसला : जीएसटी अपील दाखिल करने के लिए विशेष अवसर (2023)

निर्णय की सरल व्याख्या

पटना उच्च न्यायालय ने 14 दिसम्बर 2023 को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जो बिहार के व्यापारियों और टैक्सदाताओं के लिए बहुत उपयोगी है। मामला एक ऐसे व्यापारी से जुड़ा था, जिसके खिलाफ बिहार वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 (BGST Act) की धारा 73(9) के तहत टैक्स निर्धारण आदेश 8 दिसम्बर 2021 को पारित किया गया था।

व्यापारी ने समय रहते अपील नहीं की। कानून (धारा 107) के अनुसार, किसी भी टैक्स आदेश के खिलाफ अपील 3 महीने के भीतर दाखिल करनी होती है, और अधिकतम 1 महीने की अतिरिक्त मोहलत मिल सकती है। यानी कुल 4 महीने से ज़्यादा देर से अपील करने पर न तो अपीलीय प्राधिकरण और न ही उच्च न्यायालय मदद कर सकता है।

इस स्थिति में व्यापारी ने लगभग एक साल बाद सीधे उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। अदालत ने कहा कि सामान्य नियम के मुताबिक इतनी देर से दाखिल की गई अपील पर विचार नहीं किया जा सकता। लेकिन यहाँ एक नया प्रावधान सामने आया—

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने सूचना संख्या 53/2023-केन्द्रीय कर दिनांक 2 नवम्बर 2023 जारी की। इस सूचना में उन सभी करदाताओं को एक विशेष मौका दिया गया है, जो धारा 73 या 74 के तहत जारी आदेशों के खिलाफ अपील दाखिल नहीं कर पाए थे। शर्त यह है कि आदेश 31 मार्च 2023 तक जारी हुआ हो और अपील 31 जनवरी 2024 तक विशेष फार्म (GST APL-01) में दाखिल करनी होगी।

इस विशेष स्कीम के तहत अपील दाखिल करने के लिए करदाता को:

  1. अपने द्वारा स्वीकार की गई टैक्स, ब्याज, जुर्माना आदि पूरी राशि जमा करनी होगी, और
  2. शेष विवादित टैक्स का 12.5% जमा करना होगा (जिसमें से कम से कम 20% कैश लेजर से जमा करना अनिवार्य है)।

इसके अलावा, यदि किसी ने पहले ही अपील दाखिल कर दी थी लेकिन देर से हुई थी, तो भी यह सूचना लागू होगी और उसकी अपील वैध मानी जाएगी, बशर्ते सभी शर्तें पूरी हों।

पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में याचिकाकर्ता को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि वह इस विशेष सूचना के तहत अपील दाखिल करे और निर्धारित शर्तों का पालन करे। अदालत ने आदेश रद्द नहीं किया, बल्कि करदाता को सही अपीलीय रास्ता अपनाने की सलाह दी।

इस तरह अदालत ने दो बातें साफ़ कर दीं—

  • सामान्य स्थिति में देरी से दाखिल अपील पर कोई छूट नहीं मिल सकती।
  • लेकिन जब सरकार कोई विशेष अवसर देती है, तो करदाता को उसी के तहत अपील करनी चाहिए।

निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर

इस फैसले का महत्व कई स्तरों पर है:

  • आम करदाताओं के लिए: यह फैसला बताता है कि जीएसटी कानून में समय सीमा बहुत सख्त है। यदि आप समय से अपील दाखिल नहीं करेंगे, तो बाद में अदालत से राहत पाना मुश्किल होगा। लेकिन जब सरकार कोई विशेष स्कीम लाती है, तो उसका सही समय पर लाभ उठाना चाहिए।
  • सरकार और टैक्स विभाग के लिए: यह निर्णय उनके लिए एक समर्थन है। इससे यह सिद्ध हुआ कि कानून में निर्धारित समय सीमा का पालन करना अनिवार्य है और अपीलें केवल नियमों के तहत ही सुनी जाएँगी।
  • टैक्स सलाहकारों और व्यवसायों के लिए: यह निर्णय एक चेतावनी है कि नोटिफिकेशन और विशेष प्रावधानों पर नज़र रखना ज़रूरी है। वरना अपील का अधिकार हमेशा के लिए खो सकता है।

कानूनी मुद्दे और निर्णय

  • क्या उच्च न्यायालय समय-सीमा से बाहर दाखिल की गई अपील को सुन सकता है?
    ❌ नहीं। जब कानून अधिकतम 4 महीने की सीमा तय करता है, तो अदालत भी उससे ज़्यादा छूट नहीं दे सकती।
  • CBIC की सूचना संख्या 53/2023 का प्रभाव क्या है?
    ✅ इसने एक विशेष अवसर दिया है कि पुराने आदेशों के खिलाफ भी अपील की जा सकती है, लेकिन सिर्फ 31 जनवरी 2024 तक और जरूरी रकम जमा करने के बाद।
  • इस मामले में याचिकाकर्ता को क्या करना होगा?
    ✅ उसे इस विशेष सूचना के तहत अपील दाखिल करनी होगी और जरूरी टैक्स व 12.5% विवादित रकम जमा करनी होगी। तभी उसकी अपील पर सुनवाई होगी।

मामले का शीर्षक

Prashant Luthra, Director, Brite Neon Signs Pvt. Ltd., Vs. State of Bihar

केस नंबर

Civil Writ Jurisdiction Case No. 3133 of 2023

न्यायमूर्ति गण का नाम

माननीय मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन एवं माननीय न्यायमूर्ति राजीव रॉय

वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए

  • याचिकाकर्ता की ओर से : श्रीमती मंजू झा, अधिवक्ता
  • प्रतिवादी राज्य की ओर से : श्री विकास कुमार (SC-11)

निर्णय का लिंक

MTUjMzEzMyMyMDIzIzEjTg==-lViJvQIwNio=

“यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी और आप बिहार में कानूनी बदलावों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो Samvida Law Associates को फॉलो कर सकते हैं।”

Samridhi Priya

Samriddhi Priya is a third-year B.B.A., LL.B. (Hons.) student at Chanakya National Law University (CNLU), Patna. A passionate and articulate legal writer, she brings academic excellence and active courtroom exposure into her writing. Samriddhi has interned with leading law firms in Patna and assisted in matters involving bail petitions, FIR translations, and legal notices. She has participated and excelled in national-level moot court competitions and actively engages in research workshops and awareness programs on legal and social issues. At Samvida Law Associates, she focuses on breaking down legal judgments and public policies into accessible insights for readers across Bihar and beyond.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News