निर्णय की सरल व्याख्या
पटना उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2024 को एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया, जिसमें एक कारोबारी द्वारा दाखिल रिट याचिका को खारिज कर दिया गया। यह मामला वस्तु एवं सेवा कर (GST) पंजीकरण रद्द किए जाने से जुड़ा था। करदाता ने देर से अपील दायर की थी, जिसके कारण अपील स्वीकार नहीं की गई। बाद में उसने उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की, लेकिन न्यायालय ने कहा कि जब कानून में अपील का स्पष्ट प्रावधान और समय सीमा तय है, तो देरी करने वाले को राहत नहीं दी जा सकती।
इस प्रकरण में याचिकाकर्ता का GST पंजीकरण 14 मई 2023 को रद्द कर दिया गया था। कानून के अनुसार (धारा 107, बिहार GST अधिनियम, 2017), किसी भी आदेश के खिलाफ तीन महीने के भीतर अपील की जा सकती है। यदि देरी होती है तो अधिकतम एक माह की अतिरिक्त अवधि में कारण बताते हुए विलंब की क्षमा (condonation) मांगी जा सकती है।
यहां याचिकाकर्ता ने अपील 20 मार्च 2024 को दायर की — यानी कि लगभग छह महीने की देरी से। यह समय सीमा के भीतर नहीं थी और न ही इसे माफ किया जा सकता था। अपीलीय प्राधिकारी ने अपील को समय barred मानते हुए खारिज कर दिया।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि न्यायालय इस आदेश को रद्द करे। लेकिन न्यायालय ने साफ कहा कि जब वैधानिक उपाय उपलब्ध हैं और व्यक्ति ने स्वयं उसे समय पर नहीं अपनाया, तो न्यायालय अपने असाधारण अधिकार (Article 226) का उपयोग नहीं करेगा।
अदालत ने यह भी बताया कि सरकार ने पहले ही एक विशेष एकमुश्त योजना (Amnesty Scheme) लाई थी — सर्कुलर संख्या 3/2023, जिसके तहत जिनका GST पंजीकरण रद्द हो गया था, वे 31 मार्च 2023 से 31 अगस्त 2023 तक अपने पंजीकरण की बहाली के लिए आवेदन कर सकते थे। याचिकाकर्ता ने इस योजना का भी लाभ नहीं उठाया।
अदालत ने कहा कि न तो कोई ऐसा कारण बताया गया जिससे देरी माफ की जा सके और न ही यह कहा गया कि नोटिस (show cause notice) नहीं मिला था। इसलिए कोई “प्रक्रियात्मक त्रुटि” भी नहीं पाई गई, जिस पर न्यायालय दखल दे सके।
न्यायालय ने कहा —
“कानून उसी की सहायता करता है जो सतर्क है, न कि जो लापरवाह है।”
इस प्रकार, पटना उच्च न्यायालय ने याचिका को निरस्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि कर से संबंधित मामलों में समय सीमा का पालन अत्यंत आवश्यक है।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर
- करदाता के लिए सबक: यदि आपका GST पंजीकरण रद्द हो जाए, तो निर्धारित तीन महीने के भीतर अपील करें। यदि देर हो जाए, तो अतिरिक्त एक माह के भीतर देरी की क्षमा के लिए आवेदन करें। अन्यथा अपील अस्वीकार कर दी जाएगी और अदालत भी कोई राहत नहीं देगी।
- सरकार और विभाग के लिए पुष्टि: यह निर्णय विभागीय अधिकारियों के लिए यह स्पष्ट करता है कि अपीलों में समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।
- आम जनता के लिए संदेश: यह फैसला बताता है कि किसी भी प्रशासनिक या कानूनी प्रक्रिया में देरी करना नुकसानदायक होता है। न्यायालय केवल उन्हीं को राहत देता है जो समय पर कानूनी कदम उठाते हैं।
- अमनेस्टी योजना का महत्व: सरकार द्वारा लाई गई ऐसी योजनाएं उन लोगों के लिए राहत का अवसर होती हैं जिनकी रजिस्ट्रेशन गलती या अनुपालन में कमी के कारण रद्द हो गई हो। लेकिन ऐसी योजनाओं की समय सीमा चूक जाने पर बाद में कोई राहत नहीं मिलती।
- न्यायिक दृष्टिकोण: उच्च न्यायालय ने कहा कि रिट अधिकार (Article 226) केवल असाधारण परिस्थितियों में ही प्रयोग किया जा सकता है। यह अपील प्रक्रिया का विकल्प नहीं है।
कानूनी मुद्दे और निर्णय
- मुद्दा 1: क्या उच्च न्यायालय उस अपील आदेश में हस्तक्षेप कर सकता है जिसे विलंब के कारण खारिज किया गया है?
निर्णय: नहीं। जब याचिकाकर्ता के पास वैधानिक अपील का उपाय था और उसने उसे समय पर उपयोग नहीं किया, तो अदालत को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। - मुद्दा 2: क्या एकमुश्त बहाली योजना (Amnesty Scheme) का अस्तित्व न्यायालय के निर्णय को प्रभावित करता है?
निर्णय: नहीं। वह योजना समय-सीमित थी (31.03.2023 से 31.08.2023)। याचिकाकर्ता ने उस अवधि में आवेदन नहीं किया, इसलिए कोई राहत नहीं दी जा सकती। - मुद्दा 3: क्या यह कहा गया कि नोटिस नहीं मिला या प्रक्रिया में त्रुटि हुई?
निर्णय: ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया गया, इसलिए न्यायालय ने इसे भी कोई आधार नहीं माना। - अंतिम परिणाम: रिट याचिका खारिज।
मामले का शीर्षक
M/s Vaishnavi Enterprises बनाम राज्य बिहार एवं अन्य (Patna High Court)
केस नंबर
Civil Writ Jurisdiction Case No. 11172 of 2024
न्यायमूर्ति गण का नाम
माननीय मुख्य न्यायाधीश तथा माननीय श्री न्यायमूर्ति पार्थ सारथी (मुख्य न्यायाधीश द्वारा मौखिक निर्णय)
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- श्री बिनोद कुमार सिंह — याचिकाकर्ता की ओर से
- राज्य की ओर से — स्थायी अधिवक्ता (Standing Counsel 11)
निर्णय का लिंक
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