निर्णय की सरल व्याख्या
पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया है कि Bachelor of Pharmacy (B.Pharma) डिग्रीधारी उम्मीदवार भी बिहार फार्मासिस्ट कैडर नियमावली, 2014 के तहत “Pharmacist (Basic Category)” की सीधी भर्ती में आवेदन के पात्र हैं।
यह मामला तब सामने आया जब एक B.Pharma डिग्रीधारी अभ्यर्थी, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी विज्ञापन संख्या 07/2019 के तहत ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सका। ऑनलाइन फॉर्म केवल Diploma in Pharmacy के विकल्प को अनिवार्य रूप से भरने की अनुमति दे रहा था, जबकि B.Pharma के लिए कोई विकल्प नहीं था।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि बिहार फार्मासिस्ट नियमावली के परिशिष्ट-1 में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि “B.Pharma और M.Pharma पास उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं।” इसके बावजूद तकनीकी कारणों से उन्हें आवेदन का अवसर नहीं मिला।
राज्य सरकार और स्वास्थ्य समिति का तर्क था कि नियमावली के नियम 6 के अनुसार “Diploma in Pharmacy” अनिवार्य योग्यता है, और केवल डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना जाएगा। उनका यह भी कहना था कि डिप्लोमा कोर्स में अस्पताल प्रशिक्षण होता है जबकि B.Pharma में औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए दोनों की प्रकृति अलग है।
कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाते हुए कहा कि नियम 6 में दी गई योग्यता “न्यूनतम” है, न कि “अनिवार्य”। साथ ही, नियमावली के परिशिष्ट-1 में साफ लिखा है कि B.Pharma और M.Pharma वाले भी आवेदन कर सकते हैं। चूंकि यह नियम राज्य सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत बनाए गए हैं, इसलिए इन्हें गंभीरता से पढ़ा जाना चाहिए।
कोर्ट ने माना कि अगर केवल डिप्लोमा को ही मान्य माना जाए तो फिर परिशिष्ट-1 में B.Pharma और M.Pharma का उल्लेख अर्थहीन हो जाएगा। इसलिए यह स्पष्ट किया गया कि ऐसे उम्मीदवार, जिनके पास B.Pharma या M.Pharma की डिग्री है, वे भी Pharmacist पद के लिए पात्र हैं।
अंततः कोर्ट ने स्वास्थ्य समिति को निर्देश दिया कि वह अपना आवेदन पोर्टल इस प्रकार संशोधित करे जिससे B.Pharma/M.Pharma धारक भी आवेदन कर सकें और आवेदन की अंतिम तिथि को 15 दिनों के लिए बढ़ाया जाए।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर
इस निर्णय से राज्य के हजारों B.Pharma और M.Pharma धारकों को राहत मिली है जो योग्य होते हुए भी केवल तकनीकी त्रुटियों या गलत व्याख्या के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे। यह निर्णय यह भी स्पष्ट करता है कि जब किसी नियमावली में उच्च योग्यता को मान्यता दी गई हो, तो उसे नकारा नहीं जा सकता।
राज्य सरकार के लिए भी यह निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि नियमों की व्याख्या करते समय समस्त प्रावधानों को साथ पढ़ना आवश्यक है। साथ ही, सरकारी पोर्टलों और प्रक्रिया में पारदर्शिता और समावेशिता बनाए रखने की ज़रूरत को भी यह निर्णय रेखांकित करता है।
कानूनी मुद्दे और निर्णय (बुलेट में)
- मुद्दा: क्या केवल Diploma in Pharmacy वाले ही Pharmacist पद के लिए पात्र हैं?
- निर्णय: नहीं, B.Pharma और M.Pharma धारक भी नियमों के तहत पात्र हैं।
- मुद्दा: क्या “न्यूनतम योग्यता” का अर्थ “केवल वही योग्यता” होता है?
- निर्णय: नहीं, न्यूनतम योग्यता होने का अर्थ यह नहीं कि उच्च योग्यता धारक अपात्र हैं, खासकर जब नियमों में उनका उल्लेख हो।
पार्टियों द्वारा संदर्भित निर्णय
- Zahoor Ahmad Rather v. Sheikh Imtiyaz Ahmad, (2019) 2 SCC 404
- Amlesh Kumar v. State of Bihar, CWJC No. 18218 of 2019
- Nandan Ban Goswami v. Vinod Kumar, Uttarakhand HC, S.A. No. 309 of 2015
- Bihar State Power Co. Ltd. v. Md. Asif Hussain, LPA No. 1416 of 2018
न्यायालय द्वारा उपयोग में लाए गए निर्णय
- Zahoor Ahmad Rather (2019) 2 SCC 404
- Jyoti K.K. v. Kerala PSC, (2010) 15 SCC 596
- State of Punjab v. Anita, (2015) 2 SCC 170
- Ashish Kumar v. State of UP, (2018) 3 SCC 55
मामले का शीर्षक
Sanjeev Kumar Mishra v. State of Bihar & Ors.
केस नंबर
CWJC No. 22551 of 2019
उद्धरण (Citation)
2020 (1) PLJR 489
न्यायमूर्ति गण का नाम
माननीय श्री न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- याचिकाकर्ता की ओर से: श्री मृगांक मौलि, श्री प्रिंस कुमार मिश्रा, श्री संकेत
- राज्य की ओर से: श्री हिमांशु कुमार अकेला (PAAG-2 के सहायक)
- स्वास्थ्य समिति की ओर से: श्री के.के. सिन्हा, श्री शशि शेखर
- प्रतिवादी (हस्तक्षेपकर्ता) की ओर से: श्री सुरेन्द्र कुमार सिंह, श्री शशि भूषण
निर्णय का लिंक
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjMjI1NTEjMjAxOSMxI04=-laJTwyknTyo=
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