निर्णय की सरल व्याख्या
पटना उच्च न्यायालय ने 7 सितंबर 2022 को दिए गए मौखिक आदेश में यह दर्ज किया कि विभिन्न कर्मचारी संघों और यूनियनों द्वारा की गई हड़ताल अब समाप्त कर दी गई है। इस कारण न्यायालय ने लंबित अंतरिम आवेदन (Interlocutory Application No. 17 of 2022) को निस्तारित कर दिया। यह आवेदन सिविल रिट याचिका संख्या 353/2021 में दायर था और इससे जुड़ी अन्य याचिकाओं (CWJC 9639/2021, 12598/2021, 16206/2021) के साथ एक साथ सुनी गई। पीठ में माननीय मुख्य न्यायाधीश और माननीय न्यायमूर्ति एस. कुमार शामिल थे।
सुनवाई के दौरान, आवेदक की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुसार एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी कर्मचारी संगठनों ने मिलकर हड़ताल समाप्त करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया। इस संबंध में संघ के अध्यक्ष द्वारा 7 सितंबर 2022 को एक शपथपत्र भी दाखिल किया गया था। न्यायालय ने उस शपथपत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए आवेदन को समाप्त कर दिया।
यह आदेश दिखाता है कि न्यायालय कैसे सार्वजनिक सेवाओं में अवरोध उत्पन्न करने वाली स्थितियों में संतुलन बनाता है। अदालत ने किसी तरह का दंडात्मक निर्देश जारी नहीं किया, बल्कि वार्ता के जरिए स्थिति सामान्य करने की दिशा में कदम उठाया। चूंकि हड़ताल समाप्त हो चुकी थी और उसका शपथपत्र न्यायालय में दाखिल हो गया था, इसलिए आवेदन जारी रखने की आवश्यकता नहीं रही।
इस मामले में कई याचिकाओं को एक साथ सुनना यह दर्शाता है कि सभी में समान मुद्दे थे और एक ही घटनाक्रम (हड़ताल समाप्त होना) ने सभी पर असर डाला। इससे न्यायालय का समय भी बचा और समान निर्णय सुनिश्चित हुआ।
निर्णय का महत्व और इसका प्रभाव आम जनता या सरकार पर
- आम जनता के लिए: यह आदेश दिखाता है कि जब सार्वजनिक सेवाओं में अवरोध आता है, तो उच्च न्यायालय वार्ता और समाधान के माध्यम से सेवाओं की बहाली में मदद करता है। इससे जनता को जल्द राहत मिलती है।
- सरकारी विभागों के लिए: इस आदेश से यह संदेश मिलता है कि सरकार और प्रशासन को यूनियनों से संवाद बनाए रखना चाहिए। यदि हड़ताल समाप्त हो जाए, तो उसका शपथपत्र दाखिल कर न्यायालय को तुरंत सूचित करना आवश्यक है।
- कर्मचारी संघों के लिए: यह उदाहरण है कि जब यूनियनें हड़ताल वापस लेती हैं, तो शपथपत्र दाखिल करना प्रभावी तरीका है ताकि लंबित अंतरिम आदेश स्वतः समाप्त हो जाएं। इससे न्यायालय का भरोसा भी कायम रहता है।
- वकीलों और न्यायिक प्रक्रिया के लिए: यह बताता है कि जब कोई परिस्थिति बदल जाती है (जैसे हड़ताल समाप्त हो जाना), तो उसका शपथपत्र दाखिल करना प्रक्रिया का हिस्सा है। इससे न्यायालय को स्थिति स्पष्ट होती है और अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचाव होता है।
कानूनी मुद्दे और निर्णय
- प्रश्न: क्या हड़ताल समाप्त होने के बाद कोई अंतरिम राहत या आदेश जारी करने की आवश्यकता थी?
निर्णय: नहीं। चूंकि सभी कर्मचारी संघों ने सर्वसम्मति से हड़ताल समाप्त कर दी और इस बात का शपथपत्र दाखिल किया गया, इसलिए आवेदन निस्तारित कर दिया गया। - प्रश्न: क्या शपथपत्र के आधार पर आवेदन समाप्त करना उचित था?
निर्णय: हां। न्यायालय ने शपथपत्र को प्रमाण के रूप में स्वीकार करते हुए यह माना कि अब कोई विवाद शेष नहीं है।
मामले का शीर्षक
CWJC No. 353/2021 with CWJC Nos. 9639/2021, 12598/2021, 16206/2021 – याचिकाकर्ता बनाम प्रतिवादी (सम्बद्ध याचिकाएं)
केस नंबर
CWJC No. 353/2021 (साथ में 9639/2021, 12598/2021, 16206/2021)
उद्धरण (Citation)
2021(2) PLJR 721
न्यायमूर्ति गण का नाम
माननीय मुख्य न्यायाधीश एवं माननीय श्री न्यायमूर्ति एस. कुमार।
वकीलों के नाम और किनकी ओर से पेश हुए
- CWJC No. 353/2021:
- याचिकाकर्ता के लिए: श्री वाई. सी. वर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता (याचिकाकर्ता भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित)
- भारत संघ के लिए: डॉ. के. एन. सिंह, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल; श्रीमती कनक वर्मा, केंद्रीय सरकारी अधिवक्ता
- बिहार राज्य के लिए: श्री ललित किशोर, महाधिवक्ता
- पटना नगर निगम (PMC) के लिए: श्री बिंद्याचल सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता; श्री विपिन कुमार सिंह, श्री जनमेजय गिरीधर, अधिवक्ता
- हस्तक्षेपकर्ता के लिए: श्रीमती अर्चना सिन्हा उर्फ शाही, अधिवक्ता
- CWJC No. 9639/2021:
- याचिकाकर्ता के लिए: श्री सुमीत कुमार सिंह, अधिवक्ता
- भारत संघ के लिए: डॉ. के. एन. सिंह, ASG
- बिहार राज्य के लिए: श्री ललित किशोर, महाधिवक्ता
- CWJC No. 12598/2021:
- याचिकाकर्ता के लिए: श्री श्रीराम कृष्ण, अधिवक्ता
- बिहार राज्य के लिए: श्री ललित किशोर, महाधिवक्ता; श्री योगेन्द्र प्रसाद सिन्हा, AAG-7
- CWJC No. 16206/2021:
- याचिकाकर्ता के लिए: श्री देवी दास श्रीवास्तव, अधिवक्ता
- बिहार राज्य के लिए: श्री ललित किशोर, महाधिवक्ता; श्री अजय बिहारी सिन्हा, GA-8
निर्णय का लिंक
MTUjMzUzIzIwMjEjNjQjTg==-bCGWipJL7Vg=
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