पटना हाईकोर्ट ने पंचायत शिक्षक की नियुक्ति पर दावा खारिज किया, दस्तावेज़ों की विश्वसनीयता पर सवाल

 


निर्णय की सरल व्याख्या:

इस मामले में अपीलकर्ता ने दावा किया कि 2008 में भोजपुर जिले के टरारी प्रखंड के भकुरा ग्राम पंचायत में पंचायत शिक्षक पद के लिए उनका चयन हुआ था और 13.08.2010 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। लेकिन जब वे योगदान देने गए तो प्रधानाध्यापक ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि अन्य शिक्षकों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है।

उन्होंने पहले जिला अपीलीय प्राधिकारी और फिर राज्य अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील की लेकिन दोनों ने उनके दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में याचिका (CWJC 8542/2022) दायर की गई, जो खारिज हो गई। अब उन्होंने इस फैसले को LPA 388/2022 के माध्यम से चुनौती दी।

सुनवाई के दौरान निम्न बिंदु सामने आए:

  • नियुक्ति से संबंधित मूल अभिलेख 2011 में गायब हो गए और इसकी रिपोर्ट थाने में दर्ज की गई।

  • पंचायत सचिव ने कहा कि अपीलकर्ता ने चयन प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था।

  • अपीलकर्ता द्वारा प्रस्तुत नियुक्ति पत्र संदेहास्पद था क्योंकि उसमें एक ही क्रमांक कई पत्रों पर था।

  • उत्तरदाताओं (क्रमांक 10 से 13) को वैध रूप से अलग-अलग नियुक्ति पत्र जारी हुए और उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया।

अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि मामला तथ्यों पर आधारित विवादों और फर्जी दस्तावेज़ों के आरोपों से जुड़ा है, जिसे रिट क्षेत्राधिकार में नहीं निपटाया जा सकता। अतः अपील खारिज की गई।

निर्णय का महत्व:

यह फैसला दर्शाता है कि तथ्यात्मक विवादों और फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच केवल सक्षम प्राधिकरण या अदालत में ही हो सकती है, न कि सीधे उच्च न्यायालय की रिट याचिका द्वारा। यह सरकारी नियुक्तियों में पारदर्शिता और दस्तावेज़ों की प्रमाणिकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

कानूनी मुद्दे एवं निर्णय:

  • क्या अपीलकर्ता के पास वैध नियुक्ति पत्र था?
    ➤ सिद्ध नहीं हो सका; दस्तावेज़ संदेहास्पद पाए गए।

  • क्या रिट याचिका में तथ्यात्मक विवादों पर निर्णय हो सकता है?
    ➤ नहीं; इसके लिए अन्य विधिक मंच उचित है।

  • क्या अपीलकर्ता को रिट के माध्यम से राहत मिल सकती थी?
    ➤ नहीं; याचिका खारिज की गई।

मामले का नाम: कृष्ण कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य

मामला संख्या: एल.पी.ए. संख्या 388 / 2022

उद्धरण: 2024(4) PLJR 560

पीठ एवं न्यायाधीशों के नाम:

  • माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री के. विनोद चंद्रन

  • माननीय न्यायमूर्ति श्री पार्थ सारथी

वकीलों के नाम:

  • अपीलकर्ता की ओर से: श्री अश्विनी कुमार तिवारी

  • प्रतिवादी की ओर से: श्रीमती शिल्पा सिंह (GA-12), श्री राम विनय पी. सिंह (AC to GA-12), श्री अपूर्व कुमार

निर्णय की लिंक:

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