निर्णय का सरल विश्लेषण
4 अक्टूबर 2024 को पटना हाईकोर्ट ने दरभंगा निवासी एक याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति बिना वैध स्वामित्व दस्तावेज के सरकार को पंचायती भवन के निर्माण से नहीं रोक सकता।
याचिकाकर्ता का दावा था कि 13 कट्ठा जमीन उनके पूर्वजों को 1355 फसली (लगभग 1948) में जमींदारों ने दी थी और वह परिवार इसे कई वर्षों से उपयोग में ला रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता के नाम पर जमाबंदी दर्ज है और सरकार को मालगुजारी (भू-राजस्व) दी जाती रही है।
सरकार ने इस दावे का खंडन करते हुए बताया कि संबंधित भूमि (खाता संख्या 866, खेसरा संख्या 1559) “अनाबाद बिहार सरकार” की श्रेणी में आती है और सार्वजनिक भूमि है। एक आधिकारिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि भूमि पर कोई मकान नहीं है और वहां पंचायती भवन का निर्माण शुरू हो चुका है। यहां तक कि जिन व्यक्तियों का नाम पहले अवैध कब्जाधारियों के रूप में दर्ज था, उन्होंने भी निर्माण पर आपत्ति नहीं जताई।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कोई वैध दस्तावेज़ नहीं दिया जिससे साबित हो सके कि वह जमीन पर कानूनी अधिकार रखते हैं। उन्होंने जो मालगुजारी रसीद दी, उसमें भी स्पष्ट खाता या खेसरा संख्या नहीं थी, जिससे यह साबित नहीं होता कि भूमि उन्हीं की है।
अंततः, अदालत ने पाया कि याचिका एक झूठे और बेबुनियाद दावे पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करना था।
फैसले का महत्व
यह फैसला एक बार फिर स्पष्ट करता है कि सरकारी योजनाओं में बाधा डालने से पहले व्यक्ति को अपने स्वामित्व का प्रमाण पेश करना आवश्यक है। केवल मालगुजारी रसीद या पारिवारिक दावे पर्याप्त नहीं होते।
आम जनता के लिए यह चेतावनी है कि बिना ठोस दस्तावेजों के सरकारी कार्यों में बाधा डालने की कोशिश करना अवैध माना जाएगा। वहीं सरकार के लिए यह निर्णय एक सकारात्मक संकेत है कि उचित प्रक्रिया के तहत वह सार्वजनिक योजनाएं आगे बढ़ा सकती है।
विधिक मुद्दे और निर्णय
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क्या बिना वैध दस्तावेज किसी सरकारी योजना को रोका जा सकता है? – नहीं।
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क्या केवल मालगुजारी रसीद से स्वामित्व साबित होता है? – नहीं।
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क्या जमाबंदी से कानूनी अधिकार बनता है? – नहीं, यह केवल राजस्व उद्देश्य के लिए होता है।
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क्या भूमि पर याचिकाकर्ता का मकान था? – नहीं।
अदालत द्वारा भरोसा किए गए निर्णय
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State of Bihar vs. Chandrabanshi Singh, LPA No. 34/2015
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Tripathy Kiran Nath Sharma vs. State of Bihar, (2005) 4 PLJR 670
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S. M. Ehteshamul Hasan Rehmani vs. State of Bihar, LPA No. 1106/2023
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Suraj Bhan vs. Financial Commissioner, (2007) 6 SCC 186
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Jitendra Singh vs. State of MP, 2021 SCC OnLine SC 802
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P. Kishore Kumar vs. Vittal K. Patkar, 2023 SCC OnLine SC 1483
मामले का शीर्षक
राम लखन मंडल बनाम बिहार राज्य एवं अन्य
मामला संख्या
CWJC No. 1060 of 2021
उद्धरण (Citation)
2024(4)PLJR 555
पीठ और न्यायाधीश
माननीय न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह
अधिवक्ता
याचिकाकर्ता की ओर से: श्री रजनीकांत झा
राज्य की ओर से: श्री एबादुर रहमान शकेब (AC to AAG-12)
उत्तरदाता संख्या 11 की ओर से: श्री प्रफुल्ल चंद्र झा
निर्णय का लिंक
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjMTA2MCMyMDIxIzEjTg==-sHvF2juJe74=
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