पटना हाईकोर्ट का POCSO एवं गैंग रेप पर ऐतिहासिक फैसला

 


फैसले की सरल व्याख्या:
तीन संयुक्त अपीलों में (क्रिमिनल अपील (DB) सं. 1268/2018, 1327/2018 और 120/2021), पटना हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (माननीय न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद और न्यायमूर्ति शैलेन्द्र सिंह) ने गैंग रेप के आरोपियों द्वारा POCSO §6 और IPC §376 के अंतर्गत दी गई उम्रकैद की सज़ा के खिलाफ अपील सुनी। पीड़िता ने अगस्त 2015 में तीनों आरोपियों—सरयू, कमलेश और विनय—के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। निचली अदालत ने पीड़िता की गवाही, मेडिकल साक्ष्य और पहचान पेरेड (TIP) को आधार मानकर दोषी ठहराया और उम्रकैद सुनाई।

फैसले का महत्व या प्रभाव:

  • सामान्य जनता के लिए: पीड़िता की गवाही की अहमियत को रेखांकित करता है, भले मेडिकल रिपोर्ट संपूर्ण न हो।

  • पुलिस/अनुसंधान के लिए: सड़क पर पहचान पेरेड, घटनास्थल का सत्यापन और विधिवत दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता स्पष्ट होती है।

  • सरकार/नीति निर्धारकों के लिए: POCSO में सामूहिक अपराध की गंभीरता को पहचानते हुए बच्‍चों के संरक्षण को सुदृढ़ बनाने का संकेत।

विधानिक समस्याएं और न्यायालय का फैसला:

  • क्या POCSO और IPC के तहत गैंग रेप सिद्ध हुआ? हाँ – लगातार गवाही, पहचान व मेडिकल प्रमाणित।

  • नाम न बताने पर TIP पर्याप्त था क्या? हाँ – अदालत ने पहचान पद्धति को मान्य किया।

  • POCSO §5 “सामूहिक उद्देश्य” लागू होता है? स्वीकृत – समूह अपराध की सजा की व्याख्या।

  • पीड़िता की उम्र POCSO की परिभाषा में आती है? स्कूल प्रवेश-पत्र से ख़ास उम्र सिद्ध हुई।

न्यायालय द्वारा उत्‍लेखित निर्णय:

  • पैरख द्वारा मेडिकल साक्ष्य की उल्लेखम्

  • POCSO §5 की व्याख्या में “सामूहिक संकल्प” का नियम

मामला शीर्षक:
Vinay Kumar और अन्य विरुद्ध राज्य बिहार

मामला संख्‍या:
क्रि. अपील (DB) सं. 1268/2018, 1327/2018 और 120/2021

संदर्भ (Citation):
2024(4)PLJR 533

सम्मुख:
माननीय न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद एवं न्यायमूर्ति शैलेन्द्र सिंह

वकीलगण:

  • अपीलकर्ता की ओर से: वरिष्ठ अधिवक्ता रामकांत शर्मा, अन्य

  • राज्य की ओर से: एडिशनल P.P. शशि बल वर्मा, अभिमन्यु शर्मा, अजय मिश्रा

न्यायालय फ़ैसले का लिंक:

https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/NSMxMjY4IzIwMTgjMSNO-Pkzk25FfZjY=


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