POCSO अधिनियम के तहत दोषसिद्धि रद्द: पटना उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी की दोषमुक्ति

 


निर्णय की सरल व्याख्या:

पटना उच्च न्यायालय ने क्रिमिनल अपील (एसजे) संख्या 2313/2022 में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें निचली अदालत द्वारा दिए गए दोषसिद्धि को निरस्त कर आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया। यह मामला पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत एक पांच वर्षीय बालिका के यौन उत्पीड़न के आरोप से संबंधित था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने पीड़िता को एक जर्जर मकान में ले जाकर उसके अंतर्वस्त्र हटाए और खुद के कपड़े भी उतार दिए। शोर सुनकर बच्ची की मां वहां पहुंची और आरोपी को आपत्तिजनक स्थिति में देखा। प्राथमिकी घटना के पाँच दिन बाद दर्ज की गई।

ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत दोषी ठहराया और पांच वर्ष की कठोर कारावास तथा ₹5,000 का जुर्माना लगाया।

परंतु अपीलीय अदालत ने पाया कि:

पीड़िता के बयान के समय उसकी समझ की जांच नहीं की गई थी।

पीड़िता का धारा 164 के तहत बयान दर्ज नहीं किया गया।

मेडिकल जांच नहीं कराई गई।

गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाए गए।

पूर्व में पैसे के विवाद को लेकर झगड़े और पंचायत की बात सामने आई।

इन तथ्यों के आलोक में उच्च न्यायालय ने पाया कि अभियोजन अपने पक्ष में बुनियादी साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा है। अतः आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

इस निर्णय का महत्व:

यह निर्णय यह दर्शाता है कि जब भी कोई गंभीर आरोप लगाया जाता है, विशेषकर यौन अपराधों से जुड़ा, तो न्यायालय साक्ष्य की विश्वसनीयता, प्रक्रिया की अनुपालन और गवाहों की गवाही की गहराई से जांच करता है। यह कानूनी सिद्धांतों की रक्षा और अभियुक्तों को गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने से बचाने का एक उदाहरण है।

तय किए गए कानूनी मुद्दे:

क्या पीड़िता की गवाही विधिवत रूप से दर्ज की गई?

क्या मेडिकल या अन्य भौतिक साक्ष्य उपलब्ध थे?

क्या अभियोजन पक्ष द्वारा धारा 29 और 30 POCSO अधिनियम की presumption लागू करने से पहले foundational facts सिद्ध किए गए?

पक्षकारों द्वारा संदर्भित निर्णय:

Pradeep Vs. State of Haryana [2023 SCC OnLine SC 777] – बाल गवाह की गवाही की प्रक्रिया और शुद्धता पर जोर।

न्यायालय द्वारा अपनाया गया निर्णय:

अभियोजन अपने पक्ष में बुनियादी साक्ष्य स्थापित करने में विफल रहा।

आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

केस शीर्षक:

Satish Singh Vs. The State of Bihar

केस नंबर:

Criminal Appeal (SJ) No. 2313 of 2022

निर्णय का संदर्भ: 2024(4) PLJR

पीठ और न्यायाधीशों के नाम:

माननीय श्री न्यायमूर्ति चन्द्र शेखर झा

वकीलों के नाम:

अपीलकर्ता की ओर से: श्री प्रवीण कुमार, श्री उदय प्रताप सिंह, सुश्री अंजू कुमार सिन्हा

राज्य की ओर से: श्रीमती अनीता कुमारी सिंह (APP)

निर्णय की आधिकारिक लिंक:

MjQjMjMxMyMyMDIyIzEjTg==-c--am1--8tpvLL2jc=

0 Comments

WhatsApp Call