बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2011 के तहत SGST प्रतिपूर्ति पर 25% उत्पादन शर्त अमान्य: पटना उच्च न्यायालय का फैसला

 


फैसले की सरल व्याख्या

हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार की 2011 की औद्योगिक नीति के तहत उद्योगों को दी जाने वाली SGST/VAT प्रतिपूर्ति से जुड़े एक अहम मामले में फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता, एक प्लास्टिक फर्नीचर निर्माता कंपनी है, जिसे अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 की अवधि के लिए प्रतिपूर्ति से वंचित कर दिया गया था। इसके पीछे कारण बताया गया कि उसकी इकाई की उत्पादन क्षमता 25% से कम रही।

याचिकाकर्ता ने 08.11.2011 को अपनी इकाई का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ किया था और राज्य निवेश संवर्धन बोर्ड से सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त कर ली थीं। उसे SGST/VAT प्रतिपूर्ति के लिए पात्रता प्रमाणपत्र भी दिया गया था और इससे पहले की अवधि के लिए प्रतिपूर्ति भी दी गई थी। लेकिन 2021 की छह माह की अवधि के लिए प्रतिपूर्ति का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि राज्य सरकार ने 20.01.2020 को एक संशोधन (प्रस्ताव संख्या 108) के द्वारा 25% न्यूनतम उत्पादन की शर्त जोड़ दी थी।

न्यायालय ने इस निर्णय को अवैध ठहराया। माननीय न्यायाधीश श्री ए. अभिषेक रेड्डी ने स्पष्ट किया कि चूंकि याचिकाकर्ता की इकाई 2011 की नीति के तहत स्थापित हुई थी, उसे उसी नीति के अंतर्गत घोषित लाभ मिलना चाहिए। संशोधन के प्रभाव को पिछली तारीख से लागू नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए वादे को बाद में बदलकर उस पर अमल करने वाले को वंचित करना, वादानिष्ठा (Promissory Estoppel) के सिद्धांत के विरुद्ध है। सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्णयों, जैसे Pournami Oil Mills बनाम राज्य केरल और Motilal Padampat Sugar Mills बनाम राज्य उत्तर प्रदेश, का हवाला दिया गया।

साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि 2020 का जो संशोधन था, वह 2016 की औद्योगिक नीति से जुड़ा था, 2011 की नीति से नहीं। अतः इसे याचिकाकर्ता पर लागू करना कानूनसम्मत नहीं है।

फैसले का महत्व

यह फैसला उन उद्योगों के लिए राहत लाया है जो सरकारी नीतियों पर विश्वास कर पूंजी निवेश करते हैं। यह निर्णय भविष्य में निवेश करने वाले उद्योगों को यह आश्वासन देता है कि एक बार घोषित लाभ को सरकार बाद में बदलकर छीन नहीं सकती।

बिहार में उद्यमियों और आम नागरिकों के लिए यह निर्णय एक स्थिर और भरोसेमंद औद्योगिक नीति वातावरण को बढ़ावा देगा जिससे रोजगार और निवेश को बल मिलेगा।

निर्णीत कानूनी मुद्दे और न्यायालय का निर्णय

  • क्या याचिकाकर्ता SGST प्रतिपूर्ति के लिए पात्र था (अप्रैल 2021 से सितंबर 2021)?
    ✔ हाँ, कोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला दिया।

  • क्या 2020 में संशोधित 25% न्यूनतम उत्पादन शर्त को पिछली तिथि से लागू किया जा सकता है?
    ❌ नहीं, कोर्ट ने इसे अस्वीकार्य बताया।

  • क्या सरकार अपनी घोषित नीति को बाद में बदल कर लाभ से इनकार कर सकती है?
    ❌ नहीं, कोर्ट ने इसे वादानिष्ठा के विरुद्ध बताया।

न्यायालय द्वारा उद्धृत निर्णय

  • Pournami Oil Mills बनाम राज्य केरल, 1986 SUPP SCC 728

  • Motilal Padampat Sugar Mills बनाम राज्य उत्तर प्रदेश, (1979) 2 SCC 409

  • M/s Gangotri Iron & Steel Co. Ltd. बनाम राज्य बिहार, 2021(3) PLJR 73

  • Kasinka Trading मामला

  • Rom Industries बनाम राज्य जम्मू कश्मीर, (2005) 7 SCC 348

प्रकरण शीर्षक

Shree Saibaba Plasto Products Pvt. Ltd. बनाम राज्य बिहार एवं अन्य

केस संख्या

CWJC No. 8907 of 2023

सिटेशन

2024(4) PLJR 575

पीठ और न्यायाधीश

माननीय श्री न्यायाधीश ए. अभिषेक रेड्डी

अधिवक्ता

  • याचिकाकर्ता की ओर से: श्री अभिषेक कुमार

  • प्रतिवादियों की ओर से: श्री विकास कुमार (SC11)

निर्णय लिंक

https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjODkwNyMyMDIzIzEjTg==-UHiUR--am1--FED1U=


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