निर्णय की सरल व्याख्या
पटना उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी अस्थायी रूप में 15 वर्षों से अधिक सेवा करता है, तो उसकी सेवा को पेंशन के लिए योग्य माना जा सकता है। याचिकाकर्ता, जो आयुष विभाग के अंतर्गत खगड़िया जिला के एक अस्पताल में कार्यरत थे, 2015 में सेवा निवृत्त हुए। उन्होंने अपनी सेवा की गणना नियमित सेवा के रूप में कर पेंशन निर्धारण की मांग की थी।
याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिया गया कि उन्होंने 10 वर्षों से अधिक की सेवा की है और उनकी सेवा 1950 के बिहार पेंशन नियमावली के नियम 58 और 59 के अनुसार पेंशन योग्य है। न्यायालय ने इस संबंध में 1969 के वित्त विभाग के मेमो (संख्या Pen1024/69/11779 F., दिनांक 12.08.1969) का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी कर्मचारी की सेवा अस्थायी रहते हुए भी 15 वर्षों से अधिक निरंतर रही हो, तो उसे पेंशन योग्य माना जा सकता है।
न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता पहले ही विस्तृत अभ्यावेदन प्रस्तुत कर चुके हैं, और यदि आवश्यक हो तो वे नया, समग्र अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि वे याचिकाकर्ता की युक्तियों पर शीघ्र और उचित समय में निर्णय लें।
इस निर्णय का महत्व क्या है?
यह निर्णय उन हजारों अस्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए मार्गदर्शक है, जिन्होंने वर्षों तक सेवा दी है लेकिन उन्हें पेंशन से वंचित रखा गया है। इससे न केवल कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित होती है बल्कि सरकार की नीति और मानवतावादी दृष्टिकोण को भी बल मिलता है। यह निर्णय बिहार सरकार की "बिहार मुकदमा नीति, 2011" के कार्यान्वयन में भी सहायक है।
तय किए गए कानूनी मुद्दे
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क्या 15 वर्षों से अधिक अस्थायी सेवा पेंशन के लिए योग्य मानी जा सकती है?
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क्या याचिकाकर्ता की सेवा को "सरकारी सेवा" के तहत गिना जा सकता है?
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क्या बिहार पेंशन नियमावली, 1950 के नियम 58 और 59 याचिकाकर्ता पर लागू होते हैं?
पक्षकारों द्वारा संदर्भित निर्णय
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CWJC No.5045 of 1991 (निर्णय दिनांक: 28.07.2008) – जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि सेवा की गणना अस्पताल अधिग्रहण की तिथि से हो, भले ही उस अवधि के लिए वेतन नहीं दिया जाए।
न्यायालय द्वारा अपनाए गए निर्णय
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"यदि कोई अस्थायी कर्मचारी जिसकी सेवा 15 वर्षों से अधिक निरंतर रही हो, तो वह बिहार पेंशन नियमावली, 1950 के नियम 59 के अंतर्गत पेंशन के लिए योग्य माना जा सकता है।"
केस शीर्षक
शिव नारायण पंडित बनाम बिहार राज्य एवं अन्य
केस नंबर
CWJC No.15118 of 2014
निर्णय का संदर्भ
2024(4)PLJR
पीठ और न्यायाधीशों के नाम
माननीय न्यायमूर्ति पुर्णेन्दु सिंह
वकीलों के नाम जिन्होंने पक्ष प्रस्तुत किया और किसके लिए प्रस्तुत किया
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याचिकाकर्ता के लिए: श्री शिव कुमार, अधिवक्ता
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राज्य सरकार के लिए: श्री अजय (GA-12)
निर्णय की आधिकारिक लिंक
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjMTUxMTgjMjAxNCMxI04=-dyUWR5y7USQ=
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