न्यायालय का सरलीकृत निर्णय
इस मामले में हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस प्रा. लि. ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी), पटना द्वारा 1,09,620 रुपये की क्षतिपूर्ति लगाने के आदेश को चुनौती दी थी। यह राशि 1948 के ईएसआई अधिनियम की धारा 85बी के तहत लगाई गई थी।
विवाद का केंद्र 2000 से 2003 तक के बकाया वेतन पर ईएसआई अंशदान की देर से भुगतान को लेकर था। 2006 में ईएसआईसी ने गलती से 1 करोड़ रुपये से अधिक की मांग कर दी थी, जिसे बाद में सुधारते हुए 2 जून 2008 को सही मांग 1.27 लाख रुपये की जारी की गई। यह राशि कंपनी ने 24 अगस्त 2009 को जमा की।
फिर भी ईएसआईसी ने क्षतिपूर्ति की गणना 2006 के गलत मांग पत्र के आधार पर की, जिससे भुगतान में 3 वर्ष से अधिक की देरी मानी गई। कंपनी ने तर्क दिया कि क्षतिपूर्ति 2008 के सही मांग पत्र के आधार पर होनी चाहिए।
पटना उच्च न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में निर्णय दिया और कहा कि कोई भी सरकारी संस्था अपनी गलती से लाभ नहीं उठा सकती। न्यायालय ने निर्देश दिया कि क्षतिपूर्ति की गणना 23 जून 2008 (21 दिन की छूट अवधि के बाद) से की जाए।
निर्णय का महत्व
यह निर्णय व्यावसायिक इकाइयों के लिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकारी गलती के कारण उन पर अनुचित दंड लगाए जाने से बचाव करता है। यह दर्शाता है कि दंडात्मक निर्णय निष्पक्षता और विवेक पर आधारित होने चाहिए। यह धारा 85बी के तहत विवेकाधिकार के सही उपयोग और न्यायसंगत सिद्धांतों के पालन का स्पष्ट उदाहरण है।
न्यायालय द्वारा तय किए गए प्रमुख मुद्दे
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क्या गलत मांग तिथि से क्षतिपूर्ति वसूली जा सकती है? नहीं; केवल सही मांग तिथि के आधार पर ही गणना हो सकती है।
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क्या विवेकाधिकार और परिस्थितियों का ध्यान रखा जाना चाहिए? हां, न्यायपूर्ण निर्णय आवश्यक है।
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क्या अधिकतम दर स्वतः लागू होती है? नहीं, इसके लिए ठोस कारण बताना आवश्यक है।
पक्षकारों द्वारा उद्धृत निर्णय
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Hindustan Steel Ltd. v. State of Orissa, AIR 1970 SC 253
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Prestolite (India) Ltd. v. Regional Director, (1994) Supp (3) SCC 690
न्यायालय द्वारा उद्धृत निर्णय
Hindustan Steel Ltd. v. State of Orissa, AIR 1970 SC 253
Prestolite (India) Ltd. v. Regional Director, (1994) Supp (3) SCC 690
Hindustan Coca-Cola Beverages Pvt. Ltd. बनाम Employees State Insurance Corporation एवं अन्य
वाद संख्या
CWJC No. 3496 of 2015
उद्धरण
2024(4)PLJR 522
पीठ और न्यायाधीशों के नाम
माननीय श्री न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह
अधिवक्ताओं के नाम
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याचिकाकर्ता की ओर से: श्री कुमार मनीष, सुश्री ऐश्वर्या शंकर
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प्रतिवादी की ओर से: श्री रवींद्र कुमार चौबे
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