निर्णय की सरल व्याख्या:
पटना उच्च न्यायालय ने एक सरकारी शिक्षक की सेवा से बर्खास्तगी को अवैध करार देते हुए उसे बहाल करने और सभी वित्तीय लाभों सहित लाभ देने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता पूर्णिया जिले के एक मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, जिन्हें मार्च 2019 में उनकी पूर्व पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था।
न्यायालय ने पाया कि पूरे विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही में बिहार सरकारी सेवक (नियंत्रण, अपील एवं अनुशासन) नियम, 2005 का गंभीर उल्लंघन हुआ था:
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चार्जशीट 2013 में जारी की गई जबकि शिकायत 2015 में दर्ज की गई थी।
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शिक्षक को शिकायत की प्रति नहीं दी गई और ना ही उन्हें क्रॉस-एक्जामिनेशन का अवसर मिला।
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जांच अधिकारी ने रिपोर्ट जमा करने के बाद भी कार्यवाही जारी रखी, जो नियम के खिलाफ है।
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अनुशासनिक प्राधिकारी ने जांच अधिकारी को रिपोर्ट बदलने को कहा और उसी खारिज रिपोर्ट के आधार पर दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
दूसरी शादी से जुड़े आरोप भी उचित प्रमाणों से सिद्ध नहीं हुए, और फैमिली कोर्ट में विचाराधीन मामले पर अनुशासनिक अधिकारी ने अपनी राय दे डाली।
अदालत ने कहा कि यह बर्खास्तगी प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है और शिक्षक को बहाल किया जाना चाहिए।
निर्णय का महत्व:
यह निर्णय बिहार के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है। यह स्पष्ट करता है कि बिना विधिसम्मत प्रक्रिया अपनाए किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाया जा सकता। यह सरकारी विभागों में जवाबदेही को भी मजबूत करता है।
निर्णीत विधिक मुद्दे:
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क्या बिना आवश्यक दस्तावेज दिए और प्रतिपरीक्षण के अवसर के बगैर की गई विभागीय जांच वैध है?
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क्या अप्रमाणित आरोपों पर बर्खास्तगी न्यायसंगत है?
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क्या जांच अधिकारी रिपोर्ट जमा करने के बाद भी कार्यवाही जारी रख सकता है?
पक्षकारों द्वारा उद्धृत निर्णय:
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रूप सिंह नेगी बनाम पंजाब नेशनल बैंक, (2009) 2 SCC 570
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C.W.J.C. No. 7206/2016, शंकर दयाल बनाम बिहार राज्य
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ECIL बनाम बी. करूणाकर, (1993) 4 SCC 727
न्यायालय द्वारा संदर्भित निर्णय:
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उपर्युक्त ही
मामले का शीर्षक: सुभाष कुमार यादव बनाम बिहार राज्य एवं अन्य
मामला संख्या: सिविल रिट न्यायक्षेत्र वाद संख्या 4580 / 2020
उद्धरण: 2024(4)PLJR
न्यायाधीशों की पीठ:
माननीय श्री न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण
वकीलों के नाम:
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याचिकाकर्ता की ओर से: श्री राजीव कुमार सिंह
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प्रतिवादी की ओर से: श्री सुभाष चंद्र मिश्रा (SC 16)
निर्णय का लिंक:
https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/MTUjNDU4MCMyMDIwIzEjTg==-8IbM2wFTtgE=
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