ट्रक जब्ती पर विशेष अदालत का अधिकार क्षेत्र सीमित: पटना उच्च न्यायालय का अहम निर्णय

 


निर्णय की सरल व्याख्या:

पटना उच्च न्यायालय ने 22 मई 2024 को एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत जब्त वाहन को रिहा करने का अधिकार विशेष अदालत (Excise Court) को नहीं है। इस मामले में एक ट्रक, जिसमें 2847 लीटर शराब पाई गई थी, को पुलिस द्वारा जब्त किया गया था और विशेष अदालत ने वाहन मालिक की रिहाई की अर्जी यह कहकर खारिज कर दी थी कि अधिनियम की धारा 60 के तहत न्यायालय को ऐसा कोई आदेश देने का अधिकार नहीं है।

याचिकाकर्ता का दावा था कि उसके पास शराब और ट्रक के वैध दस्तावेज हैं और विशेष अदालत को वाहन रिहा करने का अधिकार होना चाहिए। लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत केवल जिला कलेक्टर ही जुर्माना लेकर वाहन को रिहा कर सकते हैं, विशेष अदालत नहीं।

अदालत ने यह भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता यह मानता है कि उसका वाहन जब्त करने योग्य नहीं था, तो वह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिता का सहारा ले सकता है।

यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?

यह निर्णय आम जनता और प्रशासनिक अधिकारियों दोनों के लिए मार्गदर्शक है। इससे स्पष्ट होता है कि यदि किसी का वाहन शराब के परिवहन में पकड़ा जाता है, तो उसकी रिहाई के लिए न्यायिक प्रक्रिया के बजाय कार्यपालिका (जिला कलेक्टर) के समक्ष आवेदन करना होगा। इससे न्यायालयों पर अनावश्यक बोझ कम होगा और प्रक्रिया सरल होगी।

निर्णय में तय किए गए कानूनी मुद्दे:

  1. क्या विशेष अदालत को जब्त ट्रक को रिहा करने का अधिकार है?

  2. क्या धारा 60, 56 और 57B के अंतर्गत वाहन मालिक को कलेक्टर से रिहाई की अर्जी देने की छूट है?

  3. क्या याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिता का उपयोग कर सकता है?

पक्षकारों द्वारा संदर्भित निर्णय:

  • Suresh Sah बनाम बिहार राज्य, 2020 (1) BLJ 706

  • Sunaina @ Suneina बनाम बिहार राज्य, 2024 SCC OnLine Pat 851

  • Binit Kumar बनाम बिहार राज्य, 2024 SCC OnLine Pat 850

  • Shanti Devi बनाम बिहार राज्य, 2024 SCC OnLine Pat 849

  • Amarjeet Yadav बनाम बिहार राज्य, 2024 SCC OnLine Pat 853

न्यायालय द्वारा अपनाया गया निर्णय:

"स्पेशल एक्साइज कोर्ट के पास वाहन की रिहाई का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता को या तो कलेक्टर के पास जुर्माना देकर रिहाई की प्रक्रिया अपनानी चाहिए या यदि वाहन की जब्ती अवैध है तो उच्च न्यायालय की रिट अधिकारिता का सहारा लेना चाहिए।"

केस शीर्षक:

Kalam Ansari बनाम बिहार राज्य

केस नंबर:

CRIMINAL MISCELLANEOUS No.11188 of 2024

निर्णय का संदर्भ:

2024(4)PLJR

पीठ और न्यायाधीशों के नाम:

माननीय श्री जस्टिस जितेन्द्र कुमार

वकीलों के नाम:

  • याचिकाकर्ता के लिए: श्री अनीश कुमार, अधिवक्ता

  • राज्य के लिए: श्री मुज्तबाउल हक़ (G.P.-12), श्री मनीष कुमार (AC to GP-12), श्री उपेंद्र कुमार (APP)

निर्णय की आधिकारिक लिंक:

https://patnahighcourt.gov.in/viewjudgment/NiMxMTE4OCMyMDI0IzEjTg==-ja8st4y4P--am1--k=

 

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